सुनिश्चित करियर प्रोन्नयन क्या है ?
सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन / ए०सी०पी० (A.C.P ) योजना के अंतर्गत किसी राजकीय नियमित कार्मिक को पूरे सेवाकाल में यदि पदोन्नति न हुयी हो तो अधिकतम तीन वित्तीय अपग्रेडेशन (उन्नयन) दिए जाएंगे जिनकी गणना सीधी भर्ती के पद पर मौलिक रूप से नियुक्त होने के पश्चात कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से क्रमश: 10, 16 और 26 वर्ष की नियमित एवं संतोषजनक सेवा पूरी करने पर प्राप्त होती है ।
सम्बन्धित शासनादेश पढ़ें –
संख्या-वेOआO-2- 773 /दस-62 (एम)/2008
प्रेषक,
राहुल भटनागर,
प्रमुख सचिव,
उत्तर प्रदेश शासन ।
सेवा में,
1- समस्त प्रमुख सचिव / सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ।
2- समस्त विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख कार्यालयाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश ।
वित्तं (वेतन आयोग) अनुभाग-2 लखनऊ : दिनांक 05 नवम्बर, 2014
विषय:- वेतन समिति (2008) की संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयानुसार राज्य कर्मचारियों के लिए सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन ( ए०सी०पी०) की व्यवस्था ।
महोदय,
उपर्युक्त विषय की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासन के संज्ञान में यह आया है कि सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (ए०सी०पी०) की व्यवस्था के अन्तर्गत समय-समय पर निर्गत किये गये कई शासनादेशों / स्पष्टीकरणों के बावजूद ए०सी०पी० का लाभ स्वीकृत करने में कठिनाई बतायी जा रही है जिसके फलस्वरूप सम्बन्धित कार्मिकों को उक्त लाभ अनुमन्य होने में अनावश्यक विलम्ब हो रहा है। अतः उक्त कठिनाइयों के निराकरण करने के लिए सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन ( ए०सी०पी०) की व्यवस्था के अन्तर्गत समय-समय पर जारी शासनादेशों / स्पष्टीकरणों (शासनादेश संख्या- वेOआO-2-561/ दस-62 (एम)/2008, दिनांक 04 मई, 2010, स्पष्टीकरण संख्या वेOआO-2-3012/दस-62 (एम)/2008, दिनांक 29 सितम्बर, 2010, स्पष्टीकरण संख्या वेOआO-2-798/दस-62 (एम)/2008. दिनांक 30 मई, 2011, शासनादेश संख्या- वेOआO-2-253 / दस-62 (एम)/2008टी०सी०, दिनांक 17 फरवरी, 2011, शासनादेश संख्या- वे०आ०-2-2104 / दस-62 (एम)/2008 टी०सी०, दिनांक 22 दिसम्बर, 2011 स्पष्टीकरण संख्या-वे०आ०-2-2118/दस- 62 (एम)/2008, दिनांक 22 दिसम्बर 2011, शासनादेश संख्या- वेOआO-2-130/दस- 62 (एम)/2008, दिनांक 21 फरवरी, 2014, शासनादेश संख्या-वेOआO-2-323/दस- 62 (एम)/2008टी०सी०, दिनांक 11 जून, 2014 तथा शासनादेश संख्या-वे०आ०-2- 377/दस-62 (एम)/2008टी०सी०, दिनांक 05 अगस्त, 2014) को एतदद्वारा अवक्रमित कर उनमें दी गयी व्यवस्थाओं को समेकित कर अनुभव की जा रही विसंगतियों का निराकरण करने हेतु निम्नलिखित व्यवस्था लागू किये जाने की श्री राज्यपाल महोदय सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं :–
लागू होने का दिनांक –
(1) पुनरीक्षित वेतन संरचना में सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (ए०सी०पी०) की व्यवस्था दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से लागू होगी।
( 2 ) वेतनमान रू0 8000-13500 से निम्न वेतनमान के पदों पर लागू समयगान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था पुनरीक्षित वेतन संरचना में दिनांक 30 नवम्बर, 2008 तक लागू रहेगी। इसी प्रकार वेतनमान रु 8000-13500 अथवा उच्च वेतनमान के पदों पर दिनांक 31 दिसम्बर, 2005 तक लागू व्यवस्था पुनरीक्षित वेतन संरचना में दिनांक 30 नवम्बर, 2008 तक लागू रहेगी। शासनादेश संख्या-वे०आ०- 2-1314/दस-59 (एम)/2008, दिनांक 08 दिसम्बर, 2008 का प्रस्तर-4 इस सीमा तक संशोधित समझा जायेगा।
ए०सी०पी० की व्यवस्था
(3) पुनरीक्षित चेतन संरचना में सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (पशी०पी०) लागू किये जाने के दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को यदि कोई पदधारक सीधी भर्ती / एक अथवा एक से अधिक पदोन्नति प्राप्त कर पद के साधारण वेतनमान में है और उसे उस पद पर समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में कोई लाभ अनुमन्य नही हुआ है तो उसे सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (ए०सी०पी०) की व्यवस्था के अन्तर्गत वर्तमान में अनुमन्य हो रहे ग्रेड वेतन से अगले ग्रेड वेतन के रूप में कुल तीन वित्तीय स्तरोन्नयन क्रमश: 10 वर्ष, 16 वर्ष एवं 26 वर्ष की सेवा पर निम्नलिखित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन अनुमन्य कराये जायेंगे
(क) उपर्युक्त श्रेणी के कार्मिकों को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन उक्त पद पर 10 वर्ष की नियमित एवं निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने पर देय होगा।
(ख) उपर्युक्त श्रेणी के कार्मिकों को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन में अनुमन्य ग्रेड वेतन में 06 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण कर लेने पर द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन देय होगा परन्तु जिन्हें प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन 10 वर्ष से अधिक की सेवा पर दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से अनुमन्य हुआ है, उन्हें द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन उक्त पद पर कुल 16 वर्ष की सेवा पर देय होगा, भले ही दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के बाद सम्बन्धित कार्मिक की सेवाएं 06 वर्ष पूर्ण न हुयी हों अथवा समान ग्रेड वेतन में पदोन्नत हो चुका हो।
परन्तु यदि उक्त पदधारक की प्रोन्नति प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के पूर्व दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् होती है तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन प्रोन्नति की तिथि से 06 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर देय होगी, किन्तु यदि उसकी प्रोन्नति प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के पश्चात होती है तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के दिनांक से 06 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पर देय होगा।
उदाहरण-1— किसी कार्मिक की सीधी भर्ती से नियमित नियुक्ति 02 जनवरी, 1995 को हुयी। समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत उसे पदोन्नति / अगला वेतनमान अनुमन्य नहीं हुआ। ए०सी०पी० की व्यवस्था में उसे प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन 10 वर्ष से अधिक की सन्तोषजनक सेवा पर दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से अनुमन्य हुआ । उसकी 16 वर्ष की कुल सेवा दिनांक 02 जनवरी, 2011 को पूर्ण हो रही हैं। ऐसी स्थिति में उपर्युक्त व्यवस्था के अनुसार उसे 02 जनवरी, 2011 से अनवरत सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने की स्थिति में द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन देय होगा, यद्धपि दिनांक 02 जनवरी, 2011 को उसकी सेवाएं प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से 06 वर्ष पूर्ण नहीं हो रही हैं।
उदाहरण-2 – किसी कार्मिक की सीधी भर्ती से नियमित नियुक्ति 05 मार्च, 2000 को हुयी। 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पूर्व एवं दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के उपरान्त उसकी प्रथम पदोन्नति दिनांक 05 फरवरी, 2009 को हो जाती है तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन दिनांक 05 फरवरी, 2009 से 06 वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने के दिनांक 05 फरवरी, 2015 से देय होगा ।
उदाहरण-3 – किसी कार्मिक की सीधी भर्ती से नियमित नियुक्ति 05 मार्च, 2000 को हुयी। 10 वर्ष की अनवरत सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने के दिनांक 05 मार्च, 2010 से प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन स्वीकृत किया गया। इसके उपरान्त उसकी प्रथम पदोन्नति दिनांक 02 जून, 2012 को हो जाती है तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन दिनांक 05 मार्च, 2010 से 06 वर्ष की अनवरत सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने के दिनांक 05 मार्च, 2016 से देय होगा।
(ग) उपर्युक्त श्रेणी के कार्मिकों को तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन, द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य ग्रेड वेतन में 10 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा अथवा उक्त पद के सन्दर्भ में कुल 26 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण कर लेने पर देय होगा ।
सम्बन्धित पदधारक को यदि प्रथम और द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन एक ही दिनांक को देय होता है, तो यह मानते हुए कि उसे प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन काल्पनिक रूप से प्राप्त हो चुका है, सीधे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्यता के दिनांक को देय होगा। इसी प्रकार द्वितीय और तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन एक ही दिनांक को देय होने पर यह मानते हुए कि . उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन काल्पनिक रूप से प्राप्त हो चुका है, सीधे तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्यता के दिनांक को देय होगा। काल्पनिक अनुमन्यता में वेतन निर्धारण का लाभ देय न होगा।
उदाहरण-1 कोई कार्मिक किसी राजकीय विभाग से ग्रेड वेतन रु० 4200/- ( अथवा समकक्ष वेतनमान) के किसी पद से दूसरे राजकीय विभाग में ग्रेड चेतन रू0 4200/- ( अथवा समकक्ष वेतनमान ) के किसी पद पर नियुक्त हुआ । समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में दो विभागों की सेवाएं न जुडने से उसे समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त नहीं हुआ। ए०सी०पी० की व्यवस्था में दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को उसकी सेवाएं 16 वर्ष से अधिक हो रहीं हैं। ए०सी०पी० की व्यवस्था में समान वेतनमान की दो विभागों की सेवाएं जोड़े जाने की व्यवस्था के दृष्टिगत उसे दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को प्रथम एवं द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता बन रही हैं। ऐसी स्थिति में उसे प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन काल्पनिक रूप से मिला हुआ मानते हुए दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन स्वीकृत किया जायेगा।
उदाहरण-2 – किसी अधिकारी की सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति वेतनमान रू0 2200- • 4000 में दिनांक 02 फरवरी, 1982 को हुयी। वेतनमान रू0 2200-4000 (दिनांक 01 जनवरी, 2006 से पुनरीक्षित रू० 8000-13500) में उसे 08 वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पर वेतनमान रू0 10000-15200 दिनांक 02 फरवरी, 1990 से प्राप्त हुआ। इसके उपरान्त उसे कोई लाभ समयमान वेतनमान में नहीं मिला। ए०सी०पी० की देयता हेतु दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को उसकी सेवाएं 26 वर्ष से अधिक की हो रही हैं। ए०सी०पी० की व्यवस्था में उसे दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को ही द्वितीय एवं तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन की देयता की स्थिति बन रही है। इस दशा में उसे दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से सीधे तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ स्वीकृत कर दिया जायेगा।
शर्तें एवं प्रतिबन्ध
(4) सन्तोषजनक सेवा पूर्ण न होने के कारण यदि किसी कार्मिक को वित्तीय स्तरोन्नयन विलम्ब से प्राप्त होता है तो उसका प्रभाव आने वाले अगले सभी वित्तीय स्तरोन्नयन पर भी पडेगा। अर्थात अगले वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु निर्धारित अवधि की गणना में उतनी अवधि बढा दी जायेगी जितनी अवधि पूर्व वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने की गणना में नहीं ली गयी है।
(5) कतिपय संवर्गो / पदों पर निर्धारित सेवावधि पर अनुमन्य किये गये नान फंक्शनल वैयक्तिक वेतनमान को इग्नोर करते हुए ए०सी०पी० का लाभ देय होगा। राज्य में उत्तर प्रदेश सचिवालय एवं समकक्षता प्राप्त विभागों के अनुभाग अधिकारी / निजी सचिव ग्रेड-1 एवं फार्मासिस्ट पदों पर नान फंक्शनल वेतनमान अनुमन्य कराये गये थे। कालान्तर में उत्तर प्रदेश सचिवालय एवं समकक्षता प्राप्त विभागों के अनुभाग अधिकारी तथा निजी सचिव ग्रेड-1 के पद का नॉन फंक्शनल वेतनमान दिनांक 22 दिसम्बर, 2011 से समाप्त हो गया। अब प्रदेश में केवल फार्मासिस्ट के पद पर नान फंक्शनल वेतनमान देय है।
अतः अन्य किसी सेवा संवर्ग / पद पर नान फंक्शनल वेतनमान देय न होने के कारण उसे ” इग्नोर किये जाने की स्थिति नहीं बनेगी। फार्मासिस्ट ग्रेड वेतन रु० 2800/- के पद पर दो वर्ष की सेवा पर ग्रेड वेतन रू0 4200/- नान फंक्शनल वेतनमान के रूप में देय है। फार्मासिस्ट के पद पर 10 वर्ष की नियमित सन्तोषजनक सेवा पूर्ण होने पर उसे प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में (ग्रेड वेतन रू0 4200/- जो उसे नान फंक्शनल वेतनमान के रूप में प्राप्त हुआ है, को इग्नोर करते हुए) ग्रेड वेतन रू0 4600/- देय होगा ।
(6) किसी पद का वेतनमान / ग्रेड वेतन किसी समय बिन्दु पर उच्चीकृत होने की स्थिति में वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु सेवावधि की गणना में पूर्व वेतनमान / ग्रेड वेतन तथा उच्चीकृत वेतनमान / ग्रेड वेतन में की गयी सेवाओं को जोडकर उच्चीकृत ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य होगा।
ए०सी०पी० के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होने के उपरान्त यदि उस पद (जिसके सन्दर्भ में उसे उक्त वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य हुआ है) का वेतन बैण्ड / ग्रेड वेतन उच्चीकृत होता है तो ऐसे उच्चीकरण की तिथि से वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त कार्मिक का वेतन बैण्ड/ ग्रेड वेतन भी तदनुसार उच्चीकृत हो जायेगा।
परन्तु किसी पद का ग्रेड वेतन निम्नीकृत (Down Grade) होने के फलस्वरूप यदि सम्बन्धित पद पर पूर्व से कार्यरत कार्मिकों को पद का पूर्व उच्च ग्रेड वेतन वैयक्तिक रूप से अनुमन्य किया गया हो तो उन्हें ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में उक्तानुसार वैयक्तिक रूप से अनुमन्य ग्रेड वेतन का अगला ग्रेड वेतन वैयक्तिक रूप से देय होगा ।
ऐसे पद पर पूर्व से कार्यरत कार्मिक को यदि कोई वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य हो चुका है तो उसे प्राप्त हो रहे ग्रेड वेतन को निम्नीकृत नहीं किया जायेगा।
इसके उपरान्त अगला वित्तीय स्तरोन्नयन देय होने पर उसे प्राप्त हों रहे वैयक्तिक ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन देय होगा।
उदाहरण-1 दिनांक 01 जनवरी, 2006 से सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद का ग्रेड वेतन रू0 4600/- था । ए०सी०पी० की व्यवस्था में 10 वर्ष की सेवा पर समीक्षा अधिकारी के पद पर प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतनं रू0 4800/- देय था। दिनांक 22 दिसम्बर, 2011 से समीक्षा अधिकारी के पद का ग्रेड वेतन उच्चीकृत होकर रू0 4800/- हो गया। समीक्षा अधिकारी पद के ऐसे पदधारक जिन्हें दिनांक 22 दिसम्बर, 2011 के पूर्व प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रु० 4800/- अनुमन्य हो चुका था उन्हें दिनांक 22 दिसम्बर, 2011 से ग्रेड वेतन रू0 5400/- में उच्चीकृत कर दिया जायेगा। इस उच्चीकरण के फलस्वरूप वेतन निर्धारण में केवल उच्चीकृत ग्रेड वेतन का लाभ देय होगा, वेतनवृद्धि देय नहीं होगी, क्योंकि वेतनवृद्धि का लाभ प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू0 4800/- अनुमन्य होने पर दिया जा चुका है।
उदाहरण-2 – ए०सी०पी० के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होने के उपरान्त समूह “घ” ( अनुसेवक) के पद पर अनुमन्य वेतन बैण्ड रू0 4440-7440 एवं ग्रेड वेतन रु० 1300/- के स्थान पर दिनांक 08 सितम्बर, 2010 से संशोधित / उच्चीकृत वेतन बैण्ड रू0 5200-20200 एवं ग्रेड वेतन रू0 1800/- अनुमन्य किया गया। इस उच्चीकरण के फलस्वरूप समूह “घ” के तीन कर्मचारियों क्रमश: ए, बी तथा सी को मिल रहे वेतनमान / समयमान वेतनमान / वित्तीय स्तरोन्नयन के क्रम में संशोधित वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता निम्नानुसार होगी :–
1- | समूह “घ” ( अनुसेवक) के पद पर दिनांक 01 जनवरी, रू० 2006 को अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन | रु० 4440- 7440 एवं रू० 1300/- |
2- | दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को अनुसेवक “ए” को अनुमन्य चेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन | रु० 7440 4440- एवं रू० 1300/- |
3- | समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पूर्व (i) अनुसेवक “बी” को प्रथम वैयक्तिक वेतनमान के रूप रू० में अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन । (ii ) अनुसेवक “सी” को द्वितीय वैयक्तिक वेतनमान के रू० रूप में अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन। | रु० 4440- एवं 7440 0 1650/- रु० 5200- एवं 20200 रू०.1900/- |
4- | ए०सी०पी० के अन्तर्गत दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से (i) अनुसेवक “ए” को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रू० रूप में अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन । (ii) अनुसेवक “बी” को द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रू० रूप में अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन। (iii) अनुसेवक “सी” को तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन । | रु० 4440- एवं 7440 रु० 1400/ रु० 5200- 20200 एवं रू0 1800/- रू 5200- 20200 एवं रू० 2400/- |
5- | दिनांक 08 सितम्बर, 2010 को समूह “घ” अनुसेवक के पद पर अनुमन्य संशोधित / उच्चीकत वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन | रू० 5200- 20200 एवं रू० 1800/- |
6- | समूह “घ” अनुसेवक के पद पर वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन संशोधित / उच्चीकृत होने के फलस्वरूप दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से काल्पनिक तथा दिनांक 08 सितम्बर, 2010 से वास्तविक रूप से निम्नानुसार देय होगा :– (i ) अनुसेवक “ए” की प्रथम वित्तीय स्तरीन्नयन के रू० रूप में अनुमन्य संशोधित / उच्चीकृत वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वैतन । (ii) अनुसेवक “बी” को द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रू० रूप में अनुमन्य संशोधित वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन । (iii) अनुसेवक “सी” को तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रू० रूप में अनुमन्य संशोधित वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन। नोट- उच्चीकरण के मामलों में वेतन निर्धारण में उच्चीकृत ग्रेड वेतन ही देय होगा, वेतनवृद्धि नहीं। | रू० 5200- 20200 एवं रू० 1900/ रू० 5200- एवं 20200 रू० 2400/- रू० 5200- एवं रू० 2800/- |
उदाहरण-3 – कोई पद वेतन बैण्ड-2 एवं ग्रेड वेतन रू0 4600/- का था। इस पद के पदधारकों में से किसी एक पदधारक को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू0 4800/- स्वीकृत हुआ था तथा अन्य कोई एक पदधारक पद के साधारण वेतनमान में था। इसके उपरान्त पद का ग्रेड चेतन रू0 4600/- से निम्नीकृत कर रू0 4200/- इस प्रतिबन्ध के साथ किया गया कि इस पद के वर्तमान पदधारकों को ग्रेड वेतन रू0 4600/- वैयक्तिक रूप से देय रहेगा।
ऐसे मामले में ए०सी०पी० की व्यवस्था के लाभ निम्नानुसार देय होंगे :–
(क) पद का ग्रेड वेतन निम्नीकृत होने के उपरान्त नियुक्त होने वाले कार्मिक को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में पद के ग्रेड वेतन रू0 4200/- से अगला ग्रेड वेतन रू0 4600/- देय होगा।
(ख) ऐसा पदधारक जो पद के ग्रेड वेतन रू0 4600/- में था उसे ग्रेड वेतन रु० 4600/- वैयक्तिक रूप से मिलता रहेगा और ए०सी०पी० में निर्धारित सेवावधि पर प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू0 4800/- देय होगा।
( ग ) ऐसे पदधारक जिसे प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू०. 4800/- प्राप्त हो चुका था उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू0 5400/- प्राप्त होगा।
(7) ए०सी०पी० की व्यवस्था लागू होने के पश्चात् सीधी भर्ती के पद पर नियुक्त पदधारक की सीधी भर्ती के पद से प्रथम पदोन्नति होने के उपरान्त केवल द्वितीय एवं तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन तथा द्वितीय पदोन्नति प्राप्त होने के उपरान्त तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ ही देय रह जायेगा। तीसरी पदोन्नति प्राप्त होने के पश्चात् किसी भी दशा में वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ अनुमन्य न होगा।
(8) पुनरीक्षित वेतन संरचना में एक ही संवर्ग में समान ग्रेड वेतन वाले पद पर ‘पदोन्नति होने पर उसे भी वित्तीय स्तरोन्नयन माना जायेगा ।
उदाहरण– तहसीलदार के पद पर अनुमन्य वेतन बैण्ड-3, रू0 15600-39100 एवं ग्रेड वेतन रू0 5400/- में कार्यरत पदधारक की पदोन्नति उप जिलाधिकारी वेतन बैण्ड-3, रू0 15600-39100 एवं ग्रेड वेतन रू0 5400/- के पद पर होने की स्थिति में उसे वित्तीय स्तरोन्नयन माना जायेगा।
परन्तु उक्तानुसार पदोन्नति प्राप्त वरिष्ठ कर्मचारी का वेतन ए०सी०पी० की व्यवस्था से लाभान्वित समान पद पर सीधी भर्ती से नियुक्त किसी कनिष्ठ कर्मचारी से कम होने की दशा में वरिष्ठ कार्मिक का वेतन कनिष्ठ कार्मिक के बराबर कर दिया जायेगा। उपर्युक्तानुसार वरिष्ठ कार्मिक को कनिष्ठ कार्मिक के समान वेतन तभी अनुमन्य होगा जबकि वरिष्ठ तथा कनिष्ठ दोनों कार्मिकों की भर्ती का स्रोत एवं सेवा शर्ते समान हों।
उदाहरण– वरिष्ठ कार्मिक तहसीलदार के पद पर कार्यरत है और उसकी पदोन्नति उप जिलाधिकारी के समान वेतनमान के पद पर हो जाती है, किन्तु कनिष्ठ कार्मिक तहसीलदार के पद पर ही कार्यरत है और उसे निर्धारित सेवावधि पर वित्तीय स्तरोन्नयन में चेतन बैण्ड-3, रू0 15600-39100 एवं ग्रेड वेतन रू0 6600/- अनुमन्य हो जाता है और उसका वेतन वरिष्ठ की तुलना में अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में पदोन्नति प्राप्त वरिष्ठ कार्मिक का वेतन कनिष्ठ के बराबर उस दिनांक से कर दिया जायेगा जिस दिनांक से उसका वेतन कनिष्ठ से कम हुआ है।
(9) किसी कार्मिक द्वारा प्रदेश के अन्य राजकीय विभागों में समान ग्रेड वेतन में की गयी नियमित सेवा को वित्तीय स्तरोन्नयन के लिए गणना में लिया जायेगा, परन्तु ऐसे मामलों में ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत देय किसी लाभ हेतु नये विभाग के पद पर परिवीक्षा अवधि (Probation Period) सन्तोषजनकरूप से पूर्ण करने के उपरान्त ही विचार किया जायेगा एवं सम्बन्धित लाभ देय तिथि से ही अनुमन्य कराया जायेगा।
(10) केन्द्र सरकार / स्थानीय निकाय / स्वशासी संस्था / सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम में की गयी पूर्व सेवा को वित्तीय स्तरोन्न्यन के लिए गणना में नहीं लिया जायेगा।’
(11) ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन हेतु नियमित सन्तोषजनक सेवा की गणना में प्रतिनियुक्ति / वाहय सेवा, अध्ययन अवकाश तथा सक्षम स्तर से स्वीकृत सभी प्रकार के अवकाश की अवधि को सम्मिलित किया जायेगा। ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु रोजगार अवकाश की अवधि को सेवाकाल की गणना में नहीं लिया जायेगा।
(12) यदि किसी संवर्ग/पद के सम्बन्ध में समयमान वेतनमान / समयबद्ध आधार पर प्रोन्नति की कोई विशिष्ट व्यवस्था शासनादेशों अथवा सेवा नियमावली के माध्यम से लागू हो तो उस व्यवस्था को भविष्य में बनाये रखने अथवा उसके स्थान पर ए०सी०पी० की उपर्युक्त व्यवस्था लागू करने के सम्बन्ध में संवर्ग नियंत्रक प्रशासकीय विभाग द्वारा सक्षम स्तर से निर्णय लिया जाये। किसी भी संवर्ग / पद हेतु समयमान वेतनमान / समयबद्ध आधार पर प्रोन्नति की कोई विशिष्ट व्यवस्था तथा ए०सी०पी० की व्यवस्था एक साथ लागू नहीं होगी।
(13) वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ अनुमन्य होने के आधार पर सम्बन्धित कर्मचारी के पदनाम, श्रेणी अथवा प्रास्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा किन्तु वित्तीय स्तरोन्नयन के फलस्वरूप अनुमन्य मूल वेतन (वेतन बैण्ड में वेतन तथा ग्रेड वेतन का योग ) के आधार पर सेवा नैवृत्तिक तथा अन्य लाभ सम्बन्धित कार्मिक को अनुमन्य होंगे।
( 14 ) यदि किसी कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही / आपराधिक कार्यवाही प्रचलन में हो तो ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन के लाभ की अनुमन्यता अन्तिम रूप से निर्णय होने तक स्थगित रहेगी। अन्तिम निर्णय के उपरान्त निर्दोष पाये जाने की दशा में अनुमन्यता के दिनांक से वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ देय होगा परन्तु दोषी पाये जाने की दशा में स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा कार्मिक को दिये गये दण्ड पर विचारोपरान्त देयता के सम्बन्ध में संस्तुति की जायेगी। स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुतियों पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा निर्णय लिया जायेगा।
(15) इस योजना के अन्तर्गत प्राप्त वित्तीय स्तरोन्नयन पूर्णतयः वैयक्तिक है और इसका कर्मचारी की वरिष्ठता से कोई सम्बन्ध नहीं है। कोई कनिष्ठ कर्मचारी इस व्यवस्था के अन्तर्गत उच्च वेतन / ग्रेड वेतन प्राप्त करता है, तो वरिष्ठ कर्मचारी इस आधार पर उच्च वेतन / ग्रेड वेतन की मांग नहीं करेगा कि उससे कनिष्ठ कर्मचारी को अधिक वेतन / ग्रेड वेतन प्राप्त हो रहा है।
(16) यदि कोई सरकारी सेवक किसी वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु अर्ह होने के पूर्व ही उसे दी जा रही नियमित पदोन्नति लेने से मना करता है तो उस सरकारी सेवक को अनुमन्य उस वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ नहीं दिया जायेगा । यदि वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य कराये जाने के पश्चात सम्बन्धित सरकारी सेवक द्वारा नियमित प्रोन्नति लेने से मना किया जाता है तो सम्बन्धित सरकारी सेवक को अनुमन्य किया गया वित्तीय स्तरोन्नयन वापस नहीं लिया जायेगा, तथापि ऐसे सरकारी सेवक को अगले वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु तब तक अर्हता के क्षेत्र में सम्मिलित नहीं किया जायेगा जब तक कि वह प्रोन्नति लेने हेतु सहमत न हो जाये। उक्त स्थिति में अगले वित्तीय स्तरोन्नयन की देयता हेतु समयावधि की गणना में पदोन्नति लेने से मना करने तथा पदोन्नति हेतु सहमति दिये जाने के मध्य की अवधि को सम्मिलित नहीं किया जायेगा।
(17) ऐसे सरकारी सेवक जो उच्च पदों पर कार्यरत है और उन्हें निम्न पद के आधार पर देय वित्तीय स्तरोन्नयन उच्च पद पर मिल रहे ग्रेड वेतन के समान अथवा निम्न है, तो निम्न पद के आधार पर देय वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ उच्च पद पर कार्यरत रहने की अवधि तक अनुमन्य नहीं होगा परन्तु सम्बन्धित सरकारी सेवक के निम्न पद पर आने पर उक्त लाभ देयता की तिथि से काल्पनिक आधार पर अनुमन्य कराते हुए उसका वास्तविक लाभ उसके निम्न पद पर आने की तिथि से अनुमन्य होगा। यदि निम्न पद के आधार पर देय वित्तीय स्तरोन्नयन उच्च पद पर अनुमन्य ग्रेड वेतन से उच्च है तो सम्बन्धित वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ देयता की तिथि से उक्त उच्च पद पर ही अनुमन्य होगा।
( 18 ) प्रतिनियुक्ति / सेवा स्थानान्तरण पर कार्यरत सरकारी सेवकों को ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त करने हेतु अपने पैतृक विभाग के मूल पद के आधार पर ए०सी०पी० के अन्तर्गत देय वेतन बैण्ड में वेतन एवं ग्रेड वेतन अथवा प्रतिनियुक्ति / सेवा स्थानान्तरण के वर्तमान पद पर अनुमन्य हो रहे वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन, जो भी लाभप्रद हो, को चुनने का विकल्प होगा।
(19) किसी संवर्ग में वरिष्ठ कर्मचारी की पदोन्नति के फलस्वरूप अनुमन्य ग्रेड वेतन कनिष्ठ कर्मचारी को ए०सी०पी० की व्यवस्था में अनुमन्य ग्रेड वेतन से निम्न होने की स्थिति से उत्पन्न विसंगति का निराकरण किये जाने हेतु सम्बन्धित वरिष्ठ कार्मिक को निम्नानुसार लाभ अनुमन्य कराया जायेगा :–
“संवर्ग में किसी कर्मचारी को पदोन्नति पर प्राप्त ग्रेड वेतन अथवा इसके उपरान्त ए०सी०पी० की व्यवस्था में वित्तीय स्तरोन्नयन में प्राप्त ग्रेड वेतन किसी कनिष्ठ कार्मिक को प्राप्त हो रहे वित्तीय स्तरोन्नयन में अनुमन्य ग्रेड वेतन से निम्न होने की स्थिति में वरिष्ठ कार्मिक को कनिष्ठ के समान वित्तीय स्तरोन्नयन कनिष्ठ को देय तिथि से अनुमन्य कराया जायेगा। उपर्युक्त लाभ सम्बन्धित वरिष्ठ कार्मिक को तभी अनुमन्य होगा, जबकि वरिष्ठ तथा कनिष्ठ दोनों कार्मिकों की भर्ती का स्रोत एवं सेवा शर्ते समान हों • तथा यह भी कि वरिष्ठ कार्मिक की यदि पदोन्नति न हुयी होती तो यह निम्न पद पर कनिष्ठ कार्मिक को ए०सी०पी० के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता की तिथि से अथवा उसके पूर्व की तिथि से समान वित्तीय स्तरोन्नयन के लिए अर्ह होता। उपर्युक्तानुसार कनिष्ठ के दिनांक से वरिष्ठ को वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य किये जाने की स्थिति में यदि उसका वेतन कनिष्ठ से कम होता है तो उसे कनिष्ठ के बराबर किया जायेगा किन्तु यदि उसका वेतन कनिष्ठ से अधिक होता है तो उसे कम नहीं किया जायेगा । “
उदाहरण– वरिष्ठ कार्मिक को समयमान वेतनमान में प्रथम पदोन्नति वेतनमान दिसम्बर, 2004 में प्राप्त हुआ और उसकी पदोन्नति दिसम्बर 2005 में समयमान वेतनमान के रूप में प्राप्त कर रहे वेतनमान में ही हो जाती है और वह दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को धारित पद के साधारण वेतनमान में आ जाता है। फलस्वरूप उसे उस पद पर मिल रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन सीधी भर्ती की भाँति अगले 10 वर्ष की सन्तोषजनक सेवा अर्थात दिसम्बर, 2015 में अनुमन्य होगा। कनिष्ठ कर्मचारी जिसे 14 वर्ष की सेवा पर समयमान वेतनमान दिसम्बर, 2005 में प्राप्त हुआ और उसकी पदोन्नति नहीं हुयी। ऐसी कनिष्ठ कर्मचारी को द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को ही उसे वर्तमान में मिल रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन प्राप्त हो जायेगा। वरिष्ठ कर्मचारी की यदि पदोन्नति न हुयी होती तो उसे भी कनिष्ठ की तिथि अथवा उसके पूर्व ही कनिष्ठ को अनुमन्य हुआ वेतनमान द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में प्राप्त हो जाता। ऐसे मामले में वरिष्ठ को भी कनिष्ठ की अनुमन्यता की तिथि से द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में कनिष्ठ के समान ग्रेड वेतन अनुमन्य कर दिया जायेगा और भविष्य में तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन भी कनिष्ठ की भांति सेवा मानते हुए देय होगा।
ए०सी०पी० की व्यवस्था में अगले ग्रेड वेतन का निर्धारण –
2- निर्धारित सेवावधि पर वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य होने वाला ग्रेड वेतन शासनादेश संख्या- वेOआO-2-1318 / दस-59 (एम)/2008, दिनांक 08 दिसम्बर, 2008 के संलग्नक – 2अ पर उपलब्ध तालिका के स्तम्भ 6 के अनुसार अनुमन्यता की तिथि से पूर्व प्राप्त हो रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन होगा । उक्त तालिका के अनुसार वेतनमान रू0 22400 24500 के लिए पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड- 4, रू0 37400-67000 एवं ग्रेड वेतन रु० 12000/- तक देय है। शासनादेश संख्या- OआO2-287/ दस-59 (एम)/08 दिनांक 16 मार्च, 2010 के द्वारा राजकीय कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतन संरचना में पूर्व वेतनमान रू0 22400 24500 के लिए दिनांक 01 जनवरी, 2006 से लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना में सादृश्य वेतन बैण्ड-4 ( रू0 37400-67000 ) एवं ग्रेड वेतन रू0 12000/- के स्थान पर वेतनमान रू0 67000- वार्षिक वेतनवृद्धि 03 प्रतिशत की दर से 79000 दिनांक 01 जनवरी, 2006 से स्वीकृत किया गया है। उक्त संशोधन के फलस्वरूप ए०सी०पी० की अनुमन्यता वेतनमान रू0 67000 – वार्षिक वेतनवृद्धि 03 प्रतिशत की दर से 79000 तक होगी। इस प्रकार किसी पद पर वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में प्राप्त होने वाले ग्रेड वेतन का उसके पदोन्नति के पद के ग्रेड वेतन से कोई सम्बन्ध नहीं है फिर भी यह सम्भव हो सकता है कि कहीं-कहीं पर ए०सी०पी० में प्राप्त ग्रेड वेतन एवं पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन एक समान हो और कहीं-कहीं पर एक समान नहीं भी हो सकता है।
उदाहरण– कनिष्ठ सहायक के पद का ग्रेड वेतन रु0 2000/- है और उसके प्रथम पदोन्नति का पद वरिष्ठ सहायक ग्रेड वेतन रु0 2800/- में है। कनिष्ठ सहायक के पद पर 10 वर्ष की सेवा पर प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में शासनादेश 08 दिसम्बर, 2008 के संलग्नक 23 की तालिका के अनुसार ग्रेड चेतन रू0 2000/- के उपरान्त ग्रेड वेतन रु0 2400/- है। अतः कनिष्ठ सहायक के पद पर 10 वर्ष की सेवा पर प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रु0 2400/- अनुमन्य होगा।
परन्तु ए०सी०पी० की व्यवस्था में वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अगले ग्रेड वेतन की अनुमन्यता हेतु पुनरीक्षित वेतन संरचना में ग्रेड वेतन रू0 1900/- के उपरान्त उपलब्ध ग्रेड वेतन रु० 2000/- को इग्नोर किया जायेगा, फलस्वरूप प्रथम/द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु ग्रेड वेतन रू0 1900/- से अगला ग्रेड वेतन रू० 2400/- माना जायेगा।
उदाहरण– वाहन चालक के पद का ग्रेड वेतन रू0 1900/- है। 10 वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पर उसे प्रथम ए०सी०पी० के रूप में शासनादेश 08 दिसम्बर, 2008 के संलग्नक- 2अ की तालिका में उपलब्ध ग्रेड वेतन रु० 1900/- से अगला ग्रेड वेतन रू0 2000/- के बजाए इसे इग्नोर करते हुए ग्रेड वेतन रू0 2400/- देय होगा ।
पुनरीक्षित वेतन संरचना में दिनांक 01 जनवरी, 2006 से 30 नवम्बर,2008 तक समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था को किया जाना।
3- समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था पुनरीक्षित वेतन संरचना में दिनांक 30 नवम्बर, 2008 तक यथावत लागू है। पुनरीक्षित वेतन संरचना में दिनांक 30 नवम्बर, 2008 तक लागू समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत देय लाभ निम्नानुसार अनुमन्य कराये जायेंगे :–
(1) 08 वर्ष एवं 19 वर्ष की सेवा के आधार पर देय अतिरिक्त वेतनवृद्धि की धनराशि की गणना सम्बन्धित पदधारक को तत्समय अनुमन्य मूल वेतन (बैण्ड वेतन-ग्रेड वेतन) के 03 प्रतिशत की दर से आगणित धनराशि को अगले 10 रू० में पूर्णाकित करते हुए की जायेगी। सम्बन्धित कर्मचारी को अंगली सामान्य वेतनवृद्धि लागू अगली पहली जुलाई को देय होगी।
(2) 14 एवं 24 वर्ष की सेवा के आधार पर क्रमश: प्रथम अथवा द्वितीय प्रोन्नतीय / अगले वेतनमान के रूप में देय वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन अनुमन्य होने पर अनुमन्यता की तिथि को सम्बन्धित कार्मिक का वेतन प्रोन्नतीय / अगले वेतनमान के रूप में देय ग्रेड वेतन अनुमन्य कराते हुए निर्धारित किया जायेगा और बैण्ड चेतन (वेतन बैण्ड में वेतन ) अपरिवर्तित रहेगा। उक्तानुसार निर्धारित बैण्ड वेतन यदि उस ग्रेड वेतन में सीधी भर्ती हेतु निर्धारित न्यूनतम बैण्ड वेतन से कम होता है तो सम्बन्धित पदधारक का बैण्ड वेतन उस सीमा तक बढ़ा दिया जायेगा।
(3) वेतन बैण्ड रू0 15600-39100 एवं ग्रेड वेतन रू0 5400/- तथा उससे उच्च वेतन बैण्ड अथवा ग्रेड वेतन के पदों पर समयमान वेतनमान / सेलेक्शन ग्रेड अनुमन्य होने पर पूर्व उप प्रस्तर-2 एवं 3 में निर्धारित व्यवस्था के अनुसार वेतन निर्धारण की कार्यवाही की जायेगी ।
(4 ) समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत समयावधि के आधार पर उच्च वैयक्तिक वेतनमान अनुमन्य होने के उपरान्त सम्बन्धित कर्मचारी की उसी वैयक्तिक वेतनमान में वास्तविक रूप से पदोन्नति / नियुक्ति प्राप्त होने की स्थिति में सम्बन्धित कार्मिक का वेतन निर्धारण 03 प्रतिशत की दर से एक वेतनवृद्धि देते हुए किया जायेगा। सम्बन्धित कर्मचारी को अगली सामान्य वेतनवृद्धि अगली पहली जुलाई को देय होगी।
(5) संवर्ग में वरिष्ठ कार्मिक को समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत देय लाभ अपुनरीक्षित वेतनमानों में अनुमन्य होने तथा कनिष्ठ कार्मिक को वही लाभ पुनरीक्षित वेतन संरचना में अनुमन्य होने के फलस्वरूप यदि वरिष्ठ कार्मिक का वेतन कनिष्ठ की तुलना में कम हो जाता है तो सम्बन्धित तिथि को वरिष्ठ कार्मिक का वेतन कनिष्ठ को अनुमन्य वेतन के बराबर निर्धारित कर दिया जायेगा।
(6) ऐसे मामलों में जहाँ किसी कारणवश प्रोन्नतीय / अगले वेतनमान के रूप में अनुमन्य सादृश्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन में परिवर्तन होता है तो समयमा वेतनमान की व्यवस्था के अधीन अनुमन्य हो चुके प्रोन्नतीय / अगले वेतनमान भी तदनुसार परिवर्तित हो जायेंगे। अर्थात उक्त परिवर्तन के फलस्वरूप यदि प्रोन्नतीय / अगला वेतनमान उच्चीकृत होता है तो ऐसे उच्चीकरण की तिथि से उच्च प्रोन्नतीय / अगले वेतनमान के सादृश्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन अनुमन्य होगा। प्रोन्नतीय / अगला वेतनमान निम्नीकृत होने की दशा में पूर्व से अनुमन्य प्रोन्नतीय / अगले वेतनमान के सादृश्य वेतन बैण्ड/ ग्रेड वेतन यथावत बना रहेगा। उदाहरण संलग्नक-1 पर उपलब्ध हैं।
ऐसे पदधारक जिन्हें समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था चुके हैं, को ए०सी०पी० का स्वीकृत किया जाना ।
4 – ऐसे कार्मिक जो दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत कोई लाभ वैयक्तिक रूप से प्राप्त कर रहे हैं अथवा उक्त लाभ प्राप्त करने के उपरान्त उनकी वास्तविक पदोन्नति निम्न वेतनमान में होती है अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् उसी वेतनमान / उच्च वेतनमान में होती है तो ए०सी०पी० में लाभ मिले की व्यवस्था के अन्तर्गत देय लाभ दिनांक 01 दिसम्बर 2008 अथवा उसके उपरान्त निम्नानुसार अनुमन्य होंगे :-
(1) समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत 08 वर्ष तथा 19 वर्ष के आधार पर अनुमन्य अतिरिक्त वेतनवृद्धि को ए०सी०पी० के अन्तर्गत देय T वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु संज्ञान में नहीं लिया जायेगा ।
(II) जिन्हें समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में 05/08/14 वर्ष की सेवा के आधार पर प्रथम वैयक्तिक उच्च वेतनमान प्राप्त हो रहा है उन्हें उक्त लाभ अनुमन्य होने की तिथि से न्यूनतम 02 वर्ष की सेवा सहित कुल 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की तिथि अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008, जो भी बाद में हो, से द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होगा। ऐसे पदधारक जिनकी पदोन्नति उपर्युक्तानुसार समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त करने के उपरान्त दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् समान / उच्च वेतनमान ( सादृश्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन) में हो जाती है तो द्वितीय ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु ऐसी पदोन्नति का संज्ञान नहीं लिया जायेगा और द्वितीय ए०सी०पी० के रूप में वर्तमान में प्राप्त हो रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन देय होगा।
(III) जिन्हें समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में 14/16/18/ 24 वर्ष की सेवा के आधार पर द्वितीय वैयक्तिक वेतनमान प्राप्त हो रहा है उन्हें उक्त लाभ अनुमन्य होने की तिथि से न्यूनतम 02 वर्ष की सेवा सहित कुल 26 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की तिथि अथवा दिनांक 01 दिसम्बर 2008, जो भी बाद में हो, से तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होगा। ऐसे पदधारक जिनकी पदोन्नति उपर्युक्त लाभ प्राप्त करने के उपरान्त निम्न वेतनमान में अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् समान / उच्च वेतनमान ( सादृश्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन) में हो जाती है तो तृतीय ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु ऐसी पदोन्नति का संज्ञान नहीं लिया जायेगा और उसे अनुमन्यता की तिथि को प्राप्त हो रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन देय होगा।
परन्तु, दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पूर्व प्राप्त पदोन्नति अथवा समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत अनुमन्य प्रोन्नतीय वेतनमान / अगले वेतनमान के सादृश्य ग्रेड वेतन पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतनमानों के संविलियन/पदों के उच्चीकरण के फलस्वरूप सम्बन्धित पद के साधारण ग्रेड वेतन के समान हो जाने की स्थिति में ऐसी पदोन्नति अथवा पदोन्नतीय – वेतनमान / अगले वेतनमान को ए०सी०पी० की व्यवस्था का लाभ देते समय संज्ञान में नहीं लिया जायेगा और उसकी कुल सेवावधि को सम्बन्धित पद पर की गयी सेवा मानते हुए ए०सी०पी० का लाभ देय होगा।
(iv) वरिष्ठ कार्मिक को समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में प्रथम/द्वितीय वैयक्तिक पदोन्नति / अगला वेतनमान अनुमन्य होने और कनिष्ठ कार्मिक को ए०सी०पी० के रूप में प्रथम/द्वितीय ए०सी०पी० अनुमन्य होने के फलस्वरूप वरिष्ठ का वेतन, कनिष्ठ के सापेक्ष कम होने से उत्पन्न विसंगति के निराकरण हेतु वरिष्ठ का वेतन भी कनिष्ठ के समान विसंगति के दिनांक से कर दिया जायेगा। उपर्युक्त लाभ सम्बन्धित वरिष्ठ कार्मिक को तभी अनुमन्य होगा जबकि वरिष्ठ तथा कनिष्ठ दोनों कार्मिकों की भर्ती का स्रोत एवं सेवा शर्ते समान हों।
(v) यदि सम्बन्धित कार्मिक दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को धारित पद के सापेक्ष समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत लाभ प्राप्त कर वैयक्तिक वेतनमान में कार्यरत है तो पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत उक्त वैयक्तिक वेतनमान की अनुमन्यता हेतु जिन तदर्थ सेवाओं को गणना में लिया जा चुका है, ए०सी०पी० की व्यवस्था में आगे वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु गणना में लिया जायेगा। जिन कार्मिकों को समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में 08 वर्ष की सेवा के आधार पर वेतनवृद्धि दिये जाने हेतु तदर्थ सेवाओं को जोडा गया है, उन्हें ०सी०पी० का लाभ दिये जाने हेतु भी तदर्थ सेवाओं को जोडा जायेगा ।
वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता पर वेतन निर्धारण
5 – ए०सी०पी० की व्यवस्था में वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होने पर वेतन निर्धारण संलग्नक-2 में उल्लिखित व्यवस्था के अनुसार किया जायेगा। तदोपरान्त कर्मचारी की उसी ग्रेड वेतन, जो वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य हुआ है, में नियमित पदोन्नति होने पर कोई वेतन निर्धारण नहीं किया जायेगा, परन्तु यदि पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में प्राप्त ग्रेड वेतन से उच्च है, तो बैण्ड वेतन अपरिवर्तित रहेगा और सम्बन्धित कार्मिक को पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन देय होगा किन्तु यदि ऐसी पदोन्नति में वेतन बैण्ड भी परिवर्तित होता है और उपर्युक्तानुसार वेतन निर्धारित किये जाने पर सम्बन्धित पदधारक का वेतन बैण्ड में वेतन उक्त वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन में सीधी भर्ती के लिए निर्धारित वेतन बैण्ड में वेतन से कम होता है तो उसे उक्त सीमा तक बढ़ा दिया जायेगा।
वित्तीय स्तरोन्नयन की स्वीकृति की प्रक्रिया का निर्धारण
6- (1) वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता के प्रकरणों पर विचार किये जाने हेतु प्रत्येक विभाग में एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा किया जायेगा। उक्त स्क्रीनिंग कमेटी में अध्यक्ष एवं दो सदस्य होंगे। स्क्रीनिंग कमेटी में ऐसे अधिकारियों को सदस्य के रूप में नामित किया जायेगा जिनके द्वारा धारित पद का ग्रेड वेतन उन कार्मिकों के पद के ग्रेड वेतन से कम से कम एक स्तर उच्च होगा, जिनके सम्बन्ध में वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता पर विचार किया जाना प्रस्तावित हो और किसी भी स्थिति में नामित सदस्य द्वारा धारित पद का ग्रेड वेतन श्रेणी-ख के अधिकारी के ग्रेड = वेतन से कम नहीं होगा। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष का ग्रेड वेतन कमेटी के सदस्यों द्वारा धारित पद के ग्रेड वेतन से कम से कम एक स्तर उच्च होगा।
(2) स्क्रीनिंग कमेटी की प्रत्येक वर्ष के माह जनवरी तथा जुलाई में सामान्यतः दो बैठके आयोजित की जायेंगी। माह जनवरी में होने वाली बैठक में पूर्ववर्ती माह दिसम्बर तक के मामलों पर विचार किया जायेगा तथा माह जुलाई में होने वाली बैठक में पूर्ववर्ती माह जून तक के मामलों पर विचार किया जायेगा।
(3) उक्त स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा अपनी संस्तुतियाँ बैठक की तिथि से 15 दिन की अवधि में सम्बन्धित पदों के नियुक्ति प्राधिकारी / वित्तीय स्तरोन्नयन स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत की जायेंगी।
(4) समस्त विभागों में सम्बन्धित संवर्ग नियंत्रक अधिकारियों द्वारा यथावश्यकता स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जा सकेगा। (5) उक्त व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ सम्बन्धित नियुक्ति प्राधिकारी / स्वीकर्ता अधिकारी द्वारा विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुतियों के आधार पर स्वीकृत किया जायेगा ।
7- ए०सी०पी० की व्यवस्था राजकीय संस्थाओं के ऐसे शैक्षिक पदों पर भी लागू होगी जिंन पद राज्य कर्मचारियों के समान समयगान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था अनुमन्य रहीं है ।
8- ए०सी०पी० की उक्त व्यवस्थां राज्य न्यायिक सेवा/ उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारियों पर लागू नहीं होगी।
वेतन निर्धारण हेतु विकल्प की सुविधा
9- समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में दिनांक 01 जनवरी, 2006 से 30 नवम्बर, 2008 तक वैयक्तिक वेतनमान अनुमन्य होने के फलस्वरूप सम्बन्धित कार्मिकों को पुनरीक्षित वेतन संरचना का लाभ प्राप्त किये जाने हेतु निम्नानुसार विकल्प प्रस्तुत करने का अधिकार होगा :–
“समयमान वेतनमान की उपरोक्त व्यवस्था के सन्दर्भ में शासनादेश संख्या- वेOआO-2-561/दस-62 (एम)/2008, दिनांक 04 मई, 2010 के अन्तर्गत पुनरीक्षित वेतन संरचना चुनने के सम्बन्ध में दिये गये विकल्प के स्थान पर सम्बन्धित पदधारक द्वारा संशोधित विकल्प समयमान वेतनमान स्वीकृत किये जाने विषयक विभागीय आदेश के जारी होने के दिनांक से 90 दिन के अन्दर प्रस्तुत किया जा सकेगा। साथ ही ऐसे • मामलों जिनमें समयमान वेतनमान पूर्व में स्वीकृत किया जा चुका है, उनमें विकल्प परिवर्तन इस शासनादेश के निर्गत होने के 90 दिन की अवधि के अन्दर प्रस्तुत किया जा सकेगा।”
संलग्नक : उपरोक्तानुसार।
भवदीय,
राहुल भटनागर
प्रमुख सचिव
पृष्ठांकन संख्या-वे०आ०-2-2773(1) / दस-62 (एम)/2008 तददिनांक
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित:-
1- महालेखाकार लेखा एवं हकदारी एवं ॥ तथा आडिट एवं उ0प्र0, इलाहाबाद।
2- प्रमुख सचिव श्री राज्यपाल, उत्तर प्रदेश
3-प्रमुख सचिव, विधान सभा / विधान परिषद, उत्तर प्रदेश
4- महानिबन्धक, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद।
5- निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क, उत्तर प्रदेश ।
6 – निदेशक, अधिष्ठान पुनरीक्षण ब्यूरो, वित्त विभाग |
7- समस्त मुख्य / वरिष्ठ कोषाधिकारी, उत्तर प्रदेश
8- उ0प्र0 सचिवालय के समस्त अनुभाग ।
9- इरला चेक अनुभाग, उत्तर प्रदेश शासन