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विश्राम अवकाश

विश्राम अवकाश के सम्बन्ध में सहायक नियम 200 (क) से 200 (ज) तक में प्रावधान किये है, निम्न प्रकार है:-

विश्राम अवकाश के नियम

200 (क)-उपायुक्त, गढ़वाल के प्रशासनिक नियन्त्रण के अधीन गढ़वाल भाभर राज्य सम्पति विभाग के सरकारी कर्मचारियों को, जिनको नीचे निर्दिष्ट किया गया है, उनके विवेक पर प्रत्येक वर्ष मई तथा अक्टूबर के बीच एक मास के पूर्ण वेतन पर निम्नलिखित शर्तों सहित विश्राम अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है-

(1) उन्होंने पूरे वर्ष गढ़वाल भाभर राज्य सम्पत्ति में कार्य किया हो;
(2) उनके कार्य का प्रबन्ध अतिरिक्त व्यय किए बिना किया जा सकता है;
(3) यह अवकाश किसी अन्य प्रकार के अवकाश में कभी भी संयोजित नहीं किया जा सकता।

200 (ख)-राम नगर वन प्रभाग के रामनगर वन चिकित्सालय से स्थायी रूप से सम्बद्ध दो कम्पाउण्डरों तथा अर्दली को, जो पश्चिमी क्षेत्र के अरण्यपाल के प्रशासनिक नियन्त्रण में है, रामनगर वन प्रभाग के मण्डलीय वन अधिकारी के विवेक पर प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई से 15 अक्टूबर के बीच निम्नलिखित शर्तों के अधीन पूर्ण वेतन पर 45 दिन का विश्राम अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है :-
(1) उनके कार्य का प्रबन्ध अतिरिक्त व्यय किए बिना किया जा सकता है।
(2) यह अवकाश किसी अन्य प्रकार के अवकाश में कभी भी संयोजित नहीं किया जा सकता।
(3) वे पूरे वर्ष रामनगर तथा कालागढ़ वन प्रभागों में कार्यरत हों।
(4) विश्राम अवकाश की वास्तविक अवधि प्रत्येक मामले में पश्चिमी क्षेत्र के अरण्यपाल के नियन्त्रण के अधीन रामनगर वन प्रभाग के मण्डलीय वन अधिकारी के विवेक पर होगी।
(5) इस आशय से, कि स्वास्थ्य अधिकारी कम से कम एक कम्पाउण्डर की सहायता से औषधालय का कार्य विश्राम अवकाश की अवधि में सन्तोषप्रद रूप से चलाते रहें, दोनों कम्पाउण्डरों को एक ही समय में विश्रामावकाश पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
(6) अर्दली के विश्राम अवकाश की अवधि में उसका कर्त्तव्य खलासी तथा औषधालय के सेवक द्वारा की जाएगी।

200 (ग)-उत्तर खीरी वन खण्ड के दुधवा वन चल चिकित्सालय में स्थायी रूप से सम्बद्ध जो कम्पाउण्डर लगा हुआ है तथा जो पूर्वी क्षेत्र के अरण्यपाल के नियंत्रण में है, उसको उत्तरी खीरी मण्डल के मण्डलीय वन अधिकारी के विवेक पर प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई तथा 15 अक्टूबर के बीच निम्नलिखित शर्तों पर पूर्ण वेतन सहित 45 दिन का विश्राम अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है :-
(1) उनके कार्य का प्रबन्ध अतिरिक्त व्यय किए बिना किया जा सकता है।
(2) यह अवकाश किसी अन्य प्रकार के अवकाश में कभी भी संयोजित नहीं किया जा सकता।
(3) वह पूरे वर्ष उत्तरी खीरी मण्डल में सेवारत हो।
(4) प्रत्येक वर्ष विश्रामवकाश की वास्तविक अवधि पूर्वी क्षेत्र के अरण्यपाल के नियंत्रण में उत्तरी
खीरी मण्डल के वन अधिकारी के विवेक पर होगी।
(5) विश्राम अवकाश की अवधि में औषधालय का कार्य सन्तोषजनक रूप से स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा चलाया जा सकता है।

200 (घ)-राम नगर के वन औषधालय के स्वास्थ्य अधिकारी को मण्डलीय वन अधिकारी, रामनगर वन खण्ड के विवेक पर प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई तथा 15 अक्टूबर के बीच पूरे वेतन पर 45 दिन का विश्राम अवकाश पूर्ण वेतन सहित निम्नलिखित शर्तों पर प्रदान किया जा सकता है :-
(1) उनके कार्य का प्रबन्ध अतिरिक्त व्यय किए बिना किया जा सकता है।
(2) यह अवकाश किसी अन्य प्रकार के अवकाश में कभी भी संयोजित नहीं किया जा सकता।
(3) वह पूरे वर्ष रामनगर तथा कालागढ़ वन खण्डों में कार्यरत हो।
(4) विश्राम अवकाश की वास्तविक अवधि पश्चिमी क्षेत्र के अरण्यपाल के नियंत्रण में मंडलीय वैन अधिकारी रामनगर के विवेक पर होगी।

(5) औषधालय के कार्य को सन्तोषजनक रूप से चलते रहने के अभिप्राय से कम्पाउन्डर के विश्राम अवकाश का प्रबन्ध इस प्रकार किया जाएगा कि जब स्वास्थ्य अधिकारी विश्राम अवकाश में हों, तब उनमें से कम से कम एक कार्य पर होगा।
(6) स्वास्थ्य अधिकारी के स्वास्थ्यावकाश की अवधि में अनुपस्थिति के समय-
(क) औषधालय के कार्य की देखभाल स्थानीय सिविल औषधालय के प्रभारी तथा जन स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा शासन को बिना किसी अतिरिक्त व्यय के की जाएगी, और
(ख) उसके दौरे का कार्य कम्पाउण्डर द्वारा किया जाएगा तथा सख्त बीमारी के रोगी को रामनगर ले जाया जाएगा, जहाँ उसका उपचार अन्य स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।

200 (ङ)-कालागढ़ वन मण्डल के बोक्स औषधालय के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी तथा कम्पाउण्डर को, कालागढ़ वन मण्डल के मण्डलीय वन अधिकारी के विवेक पर प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई तथा 15 अक्टूबर के बीच पूर्ण वेतन सहित निम्नलिखित शर्तों के अधीन 45 दिनों का विश्राम अवकाश प्रदान
किया जा सकता है :-
(1) उनके कार्य का प्रबन्ध अतिरिक्त व्यय किये बिना किया जा सकता है।

(2) इस अवकाश को किसी भी अन्य प्रकार के अवकाश के साथ संयोजित नहीं किया जा सकता।

(3) वे पूरे वर्ष कालागढ़ वन मण्डल में कार्यरत हों।

(4) विश्राम अवकाश की वास्तविक अवधि पश्चिमी क्षेत्र के अरण्यपाल के नियन्त्रण में मण्डलीय
अधिकारी के विवेक पर होगी।

(5) औषधालय के कार्य को सन्तोषजनक रूप से संचालित करने के अभिप्राय से चिकित्सा अधिकारी तथा कम्पाउण्डर के विश्राम अवकाश का प्रबन्ध इस प्रकार करना चाहिए कि विश्राम अवकाश की अवधि में कम से कम उनमें से एक ड्यूटी पर रहे।

(6) चिकित्सा अधिकारी के विश्राम पर अनुपस्थिति की अवधि में-
(क) गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों को शासन के बिना किसी अतिरिक्त व्यय के, लैंसडाउन के सैनिक अस्पताल तथा कोटद्वार और दोगड्डा के जिला. परिषद् अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा।
(ख) उसके दौरे की ड्यूटी कम्पाउण्डर द्वारा की जाएगी।

200 (च)-कृषि निदेशक के नियन्त्रण के अधीन जिला गढ़वाल से कोटद्वार के फार्म अधीक्षक को निदेशक के विवेक पर 1 जुलाई तथा 15 अक्टूबर के बीच 45 दिनों का विश्राम अवकाश निम्नलिखित शर्तो के साथ स्वीकार किया जा सकता है :-

(1) उन्होंने पूरे वर्ष गढ़वाल कोटद्धार के फार्म में कार्य किया हो।
(2) उनके कार्य का प्रबन्ध अतिरिक्त व्यय किए बिना किया जा सकता है।
(3) इस अवकाश को किसी भी अन्य अवकाश के साथ संयोजित नहीं किया जा सकता।
(4) उसके साथ-साथ यह भी प्रबन्ध किया जाएगा कि विश्राम अवकाश की वास्तविक अवधि इस प्रकार से स्वीकृत की जाएगी कि विभाग के कार्य में किसी प्रकार की बाधा न पड़े।

200 (छ)-कृषि निदेशक के नियन्त्रण के अधीन गढ़वाल विकास योजना में जिला गढ़वाल में कोटद्वार में कार्य करने वाले कृषि विभाग के कर्मचारियों को उनके विवेक पर प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई तथा 15 अक्टूबर के बीच 45 दिनों का विश्राम अवकाश निम्नलिखित शर्तों पर प्रदान किया जा सकता है :-

(1) उन्होने पूरे वर्ष गढ़वाल कोटद्वार में कार्य किया हो।
(2) उनके कार्य का प्रबन्ध अतिरिक्त व्यय किए बिना किया जा सकता है।
(3) इस अवकाश को किसी भी अन्य अवकाश के साथ संयोजित नहीं किया जा सकता।
(4) विश्राम अवकाश की वास्तविक अवधि इस प्रकार स्वीकृत की जाएगी कि विभागीय कार्य में किसी प्रकार से बाधा न पड़े।

200 (ज)-उपर्युक्त नियमों के अन्तर्गत प्रदत्त विश्राम अवकाश को पेंशन के प्रयोजन के लिए तथा औसत वेतन पर अवकाश उपार्जित करने के अथवा उपार्जित अवकाश के प्रयोजन के लिए कर्त्तव्य माना जाएगा और उसे सरकारी कर्मचारी के अवकाश लेखे में से नहीं घटाया जाएगा तथा उसके उपार्जित अवकाश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।