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अवकाश की परिभाषा एवं अवकाश का अधिकार


अवकाश की परिभाषा:


वित्तीय हस्त पुस्तिका, खण्ड 2 भाग 2 के सहायक नियम के अध्याय 1-क के नियम 1 (क) के उप-नियम (2) में ‘छुट्टी’ शब्द का प्रयोग किया गया है, जिसके अनुसार छुट्टी का अर्थ है-

(क) वह छुट्टी, जो परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 25 के अधीन निर्धारित की जाय या विज्ञापित की जाय,


(ख) किसी विशेष कार्यालय के सम्बन्ध में वह दिन होगा, जिस दिन उस कार्यालय के गजट में सरकारी अधिसूचना द्वारा सरकारी कार्य के संचालन के लिए बिना किसी प्रतिबन्ध या शर्त के बन्द कर दिये जाने का आदेश दे दिया जाता है।

उक्त में उन स्थानीय छुट्टियों को शामिल नहीं किया गया है, जो विभागाध्यक्षों के विवेक पर इस प्रतिबन्ध के साथ स्वीकार की जाती है कि उनके यहाँ कोई कार्य अवशेष न हो और इसमें वह छुट्टी भी शामिल नहीं है, जो मास के द्वितीय शनिवार (Second Saturday) प्रदान की जाती है।

उक्त से स्पष्ट है कि सरकारी कर्मचारी को प्रदान की जाने वाली छुट्टी दो प्रकार की होती है-यथा
(1) राजपत्रित छुट्टी, जिसे राज्य सरकार द्वारा नियत की जाती है तथा (2) निर्बन्धित छुट्टी, जिसे स्थानीय छुट्टी भी कहा जाता है और यह स्थानीय प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रदान की जाती है।

छुट्टी के अतिरिक्त अवकाश शब्द को कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है। अवकाश शब्द का तात्पर्य ऐसी छुट्टी से है, जो अवकाश लेने वाले कर्मचारी के आवेदन पर उसके सक्षम वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रदान किया जाय। इस प्रकार ‘अवकाश’ शब्द ‘छुट्टी’ शब्द से व्यापक है और यह अवकाश लेने वाले कर्मचारी के अनुरोध तथा अवकाश प्रदान करने वाले सक्षम प्राधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है।

अवकाश का अधिकार :


अवकाश के अधिकार के सम्बन्ध में वित्तीय हस्त पुस्तिका के खण्ड 2 के भाग 2 से 4 तक में प्रावधान किया गया है, जो निम्न प्रकार है:-

(i) केवल उसी व्यक्ति द्वारा अवकाश अर्जित किया जा सकता है, जो किसी स्थायी पद पर कार्यरत हो या उस पद पर कार्य करता होता, यदि उसे निलम्बित न किया गया होता (मूल नियम 59)।

(ii) अवकाश केवल कर्त्तव्य पालन करके ही उपार्जित किया जाता है। बाह्य सेवा में व्यतीत की गयी अवधि को कर्त्तव्य माना जाता है, यदि ऐसी अवधि हेतु अवकाश वेतन के लिए अंशदान का भुगतान कर दिया गया है (मूल नियम 60)।

(iii) अवकाश का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता। जन सेवाओं की आवश्यकता के आधार पर अवकाश प्रदान करने वाला प्राधिकारी अवकाश को रद्द कर सकता है या अवकाश देने से इन्कार कर सकता है।