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नियम 27 – सरकारी एवं अन्य बाहय प्रभाव का मतर्चन- कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा से सम्बन्धित अपने हितों से सम्बद्ध किसी मामले में कोई राजनीतिक अथवा अन्य वाहय साधनों से न तो स्वयं या अपने कुटुम्ब के किसी सदस्य द्वारा कोई प्रभाव डालेगा या प्रभाव डलवाने का प्रयास करेगा।


स्पष्टीकरण– सरकारी कर्मचारी की, यथास्थिति पत्नी या पति या अन्य सम्बन्धी द्वारा किया गया कोई कार्य जो इस नियम की व्याप्ति के अर्न्तगत हो, जब तक कि इसके विपरीत प्रमाणित न हो जाय, यह माना जायेगा कि वह कार्य सम्बन्धित कर्मचारी की प्रेरणा या मौन स्वीकृति से किया गया।


उदाहरण-“क” एक सरकारी कर्मचारी है और “ख”,”क” के कुटुम्ब का एक सदस्य है, “ग” एक राजनीतिक दल है और “ग” के अर्न्तगत “घ्” एक संगठन है। “ख” ने “ग” में पर्याप्त ख्याति प्राप्त कर ली और “घ” में एक पदाधिकारी हो गया। “घ” के द्वारा “ख” ने “क’ की बात का समर्थन करना प्रारम्भ किया। यहां तक कि “ख” ने “क” के उच्च अधिकारियों के विरूद्ध संकल्य नियम के उपबन्धों का उल्लंघन होगा और उसके सम्बन्ध में यह समझा जायेगा कि वह “क” की प्रेरणा या उसकी मौन स्वीकृति से किया गया है,जब तक कि “क” यी न प्रमाणित कर दे कि ऐसा नही था।


नियम 27(क) – सरकारी सेवकों द्वारा अभ्यावेदन- कोई सरकारी कर्मचारी सिवाय उचित माध्यम से और ऐसे निर्देशों के अनुसार जिन्हे सरकार समय-समय पर जारी करे, व्यक्तिगत रूप से या अपने परिवार के किसी सदस्य के माध्यम से सरकार अथवा किसी अन्य प्राधिकारी को कोई अभ्यावेदन नहीं करेगा। नियम 27 का स्पष्टीकरण इस नियम पर भी लागू होगा।

उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956(pdf) डाउनलोड करने हेतु CLICK HERE

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