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लखनऊ । राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से मांग की है कि वैश्विक महामारी में कोविड 19 को देखते हुए 30 जून 2020 को सेवानिवृत्त होने वाले नर्सेज , फार्मासिस्ट ,लैब तकनीशियन सहित अन्य पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों की सेवा को पुनर्नियुक्ति के रूप में जारी रखा जाए क्योंकि इन अनुभवी स्टाफ के सेवानिवृत्त होने के बाद कोरोना के मरीजों का इलाज प्रभावित होगा और उनके इलाज में बाधा उत्पन्न होगी।

पैरामेडिकल संवर्ग मैं पहले ही स्टाफ कम।

परिषद के प्रांतीय महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि पैरामेडिकल के समस्त संवर्गों में काफी समय से नए पद सृजित नहीं हुए हैं वहीं स्वीकृत पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं होने के चलते भारी संख्या में पद खाली पड़े हैं। जिसके कारण पैरामेडिकल कर्मचारियों को भारी वर्क लोड के साथ सेवाएं करनी पड़ती है । इतना ही नहीं भारी वर्क लोड और सीमित स्टाफ की वजह से कर्मचारियों को अवकाश मिलने में कठिनाई होती है ।

जिसके कारण कर्मचारियों को मानसिक कष्ट झेलना पड़ता है । ऐसे में 30 जून 2020 को भारी संख्या में विभिन्न स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के पैरामेडिकल कर्मचारियों की सेवानिवृति हुई तो कोरोना मरीज़ों का चिकित्सीय कार्य बाधित हो जाएगा। इसलिए सरकार से परिषद ने मांग की है कि कोरोना वायरस को दृष्टिगत रखते हुए सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की सेवाओं को पुनर्नियुक्ति के रूप में जारी रखा जाए ।

परिषद के महामंत्री ने कहा की वर्तमान में एक-एक कर्मचारी कई कई कर्मचारियों के काम संभाले हुए हैं। वहीं सरकार के निर्देश पर कोविड-19 को लेकर समस्त राज्य कर्मचारियों को कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ने हेतु प्रशिक्षित किया गया जा रहा है। यह सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी प्रशिक्षित होने के चलते कोरोना से बचाव एवं उपचार का खास अनुभव रखते हैं । यदि इनकी सेवाओं को पुनर्नियुक्ति नहीं हुई तो कोरोना के चिकित्सीय कार्य प्रभावित होंगे ।

वही सेवाओं को पुनर्नियुक्ति करने से सरकार पर अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ेगा । साथ ही अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत और महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित किया है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार में ऐसे कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष कर दी गई है।

SOURCE: https://twitter.com/Atulmisra10/status/1279673383764914177?s=20

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