उस घर बैठे आसानी ये भर यकते हैं अपना आयकर रिटर्न आईटीआर दाखिल करना अब जटिल काम नहीं रहा और कुछ आसान स्टेप को फॉलो कर आप घर बैठे भी अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आईटीआर के ई-फाइलिंग की सबसे बड़ी सुविधा यह है कि इसके बाद आप अपने रिफंड को ट्रैक और प्रोसेस भी कर सकते हैं।
ई-फाइलिंग अकाउंट में लॉगिन करने के बाद डैशबोर्ड पर दिख रहे ‘फाइलिंग ऑफ इनकम टैक्स रिटर्न’ पर क्लिक करेंगे। इसके बाद आप जिस निर्धारण वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल करना चाहते हैं, उसे चुनें। अगर आप वर्तमान निर्धारण वर्ष (2020-21) चुनते हैं तो इसमें वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रिटर्न दाखिल करेंगे। इसके बाद अपने लिए उपयुक्त आईटीआर फॉर्म का चुनाव करेंगे। इस साल से फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं, इसलिए चुनाव में सावधानी बरतें।
अपना आईटीआर फॉर्म चुनें
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रिटर्न दाखिल करने के लिये निर्धारण वर्ष 2020-21 में भरे जाने वाले सहज (आईटीआर-1 ) फॉर्म, आईटीआर- 2, आईटीआर-3 , आईटीआर-4 , आईटीआर-5, आईटीआर-6, आईटीआर-7 फॉर्म और आईटीआर-वी फॉर्म जारी किए हैं
आपने एक ही वित्त वर्ष में नौकरी बदली है तो पिछले नियोक्ता से भी फॉर्म16 जरूरी लें। यह आपके आय और टैक्स कटौती का दस्तावेज होता है । इसके अलावा बैंक में एफडी या बचत खाता है उससे संबंधित टीडीएस प्रमाणपत्र बैंक से लेकर रखें। साथ ही बीमा एवं अन्य निवेश का दस्तावेज तैयार रखें।
जरूरी दस्तावेज जुटाएं
आईटीआर की ई-फाइलिंग से पहले सभी जरूरी दस्तावेजों को एकत्र करना होगा। इसके लिए बेसिक दस्तावेज जैसे फॉर्म16, पैन, आधार नंबर या इनरोलमेंट आईडी के अलावा आय, निवेश और बैंक खातों की जानकारी भी साथ रखनी होगी। सैलरी के अलावा भी आय का कोई स्रोत है, जैसे शेयर मार्केट, घर का किराया तो उसके दस्तावेज भी जरूरी होंगे। विदेश स्रोत से भी आय मिलने पर उसका ब्योरा देना होगा।
ई-फाइलिंग अकाउंट बनाएं
अगर पहली बार ऑनलाइन आईटीआर दाखिल कर रहे हैं तो सभी दस्तावेज जुटाने के बाद आयकर विभाग की वेबसाइट पर ई-फाइलिंग अकाउंट बनाना होगा। इसके बाद लॉगिन करने के लिए पैन को यूजर आईडी जबकि पासवर्ड में जन्मतिथि का इस्तेमाल करेंगे।
सभी तथ्य सही भरें
उपयुक्त आईटीआर फॉर्म का चुनाव करने के बाद सबसे जरूरी है कि सभी जानकारियों को पूरी तरह सही भरा जाए। आधार या इनरोलमेंट नंबर जरूरी होता है। अगर आधार नंबर नहीं है तो ऑनलाइन आईटीआर दाखिल नहीं हो सकेगा। इस बार सैलरी ब्रेकअप और संपत्ति से आय का ब्योरा विस्तृत रूप से मांगा गया है।
ई-वेरिफाई सबसे जरूरी
सभी डीटेल को दोबारा चेक करने के बाद फॉर्म को अपलोड कर दें। लेकिन आपका काम तब तक पूरा नहीं होगा जब तक ई-वेरिफाई को अपलोड नहीं करेंगे। इसके लिए आईटीआर फॉम दाखिल करने के 120 दिनों तक विंडो खुलेगी, जहां ई-वेरिफाई करा सकेंगे अथवा आईटीआर-5 की हस्ताक्षर वाली कॉपी आयकर विभाग के सेंट्रल प्रोसेसिंग केंद्र को भेज सकेंगे।
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किसी आवासीय संपत्ति के मालिक हैं तो आपके लिए रिटर्न अब अनिवार्य हो जाएगा। ऐसे में सहज फॉर्म भरकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। सीबीडीटी ने आईटीआर-1,2,3 और 4 फॉर्म में नए कॉलम भी बनाए हैं। इन्हीं कॉलम में वित्त वर्ष के दौरान विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये या उससे अधिक खर्च और बिजली बिल पर एक लाख रुपये या उससे अधिक खर्च करने के बारे में पूछा गया है | यदि इनमें से किसी भी प्रश्न का जवाब हां में है तो व्यक्ति या इकाई को 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य है।
आयकर रिटर्न भरने में देरी आपके लिए कई मुश्किलें खड़ी कर सकती है। इससे बेहतर है कि आप समय रहते घर बैठे ऑनलाइन या किसी सीए के जरिये ऑफलाइन रिटर्न समय रहते भर दें। सरकार ने आयकर आवेदन फॉर्म में कई बदलाव किए हैं। आप आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर आसानी से रिटर्न भर सकते हैं।