लघुकृत अवकाश या अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE) [मूल नियम 81 (ख) (4) तथा 84 और सहायक नियम 146) :
स्थायी सरकारी कर्मचारियों को वैज्ञानिक, प्राविधिक या इसी प्रकार की समस्याओं के अध्ययन के लिए या विशेष पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए राज्यपाल द्वारा ऐसी शर्तों पर अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है, जिन्हें वे नियम या आदेश द्वारा विहित करा दे। ऐसा अवकाश, अवकाश लेखें से कम नहीं किया जा सकता। ऐसा अवकाश सरकारी कर्मचारी के विकल्प पर निम्नलिखित शर्तों के अधीन दिया जा सकता है:-
- (i) अवकाश स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी सन्तुष्ट हो जाय कि सरकारी कर्मचारी को उच्चतर प्राविधिक अर्हतायें (योग्यतायें) प्राप्त करने के लिए अवकाश की आवश्यकता है।
- (ii) एक बार में केवल 45 दिन का अवकाश स्वीकृत किया जायेगा, यदि अवकाश पूर्णत: एशिया में व्यतीत किया जाय और यदि अवकाश एशिया के बाहर व्यतीत किया जाय, तो अवकाश 90 दिनों के लिए स्वीकृत किया जाएगा। यदि अवकाश अंशत: एशिया में और अंशत: एशिया के बाहर व्यतीत किया जाय, तो अवकाश की अवधि 45 दिन तथा ऐसी और अवधि के बराबर होगी, जो वास्तव में एशिया के बाहर व्यतीत की जाय, लेकिन प्रतिबन्ध यह है कि उक्त अवकाश की अवधि अधिकतम 90 दिनों की होगी।
- (iii) जब लघुकृत अवकाश या अध्ययन अवकाश स्वीकृत किया जाय, तो ऐसे अवकाश की दोगुनी अवधि निजी कार्य के लिए अवकाश के खाते में से घटा दी जायेगी।
- (iv) कोई अवकाश तब तक स्वीकृत नहीं किया जाएगा, जब तक अवकाश स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी को यह विश्वास करने का कारण न हो कि सरकारी सेवक अवकाश समाप्त हो जाने पर अपने कार्य पर वापस आ जाएगा।
लघुकृत अवकाश या अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE) के सम्बन्ध में राज्यपाल द्वारा निर्मित नियम :
इस सम्बन्ध में राज्यपाल द्वारा सहायक नियम 146 के अधीन निम्नलिखित नियम बनाया गया है:
(1) अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE)के प्रयोजन के लिए अर्द्ध औसत वेतन पर अतिरिक्त अवकाश भारत में अथवा भारत के बाहर लिया जा सकता है। शासन द्वारा यह किसी भी सरकारी कर्मचारी को स्वीकृत किया जा सकता है, किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि जब कोई सरकारी कर्मचारी, जो किसी एक विभाग के संवर्ग में स्थायी हो और किसी अन्य विभाग में अस्थायी रूप से कार्य कर रहा हो, तब अवकाश निम्नलिखित शतों को ध्यान में रखकर स्वीकृत किया जा सकता है :-
- (क) उसकी अनुपस्थिति में उसके कार्य को करते रहने के लिए स्थानीय प्रबन्ध किया जा सकता है, और
- (ख) अवकाश स्वीकृत करने के पहले वह जिस विभाग में स्थायी हो, उसकी संस्तुति प्राप्त कर ली गयी हो।
(2) अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE) साधारणतया उन सरकारी कर्मचारियों को स्वीकृत नहीं करना चाहिए, जिन्होंने पाँच वर्ष से कम की सेवा की हो और उन सरकारी कर्मचारियों को भी अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए, जिनको सेवा से निवृत्त होने के लिए विकल्प देने को तीन वर्ष रह गये हों।
(3) अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE) जनसेवा की आवश्यकताओं का उचित ध्यान रखते हुए ही स्वीकृत किया जा सकता है। इस अवकाश की स्वीकृति असाधारण अवकाश पर या चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर अवकाश के अतिरिक्त अन्य अवकाश को मिलाकर किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होना चाहिए कि या तो सरकारी कर्मचारी को अपनी नियमित कर्त्तव्य से अनुपस्थिति 28 मास से अधिक हो जाय या सरकारी कर्मचारी की सेवा की पूर्ण अवधि में वह 2 वर्ष से अधिक हो जाय।
(4) अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE) इतनी जल्दी-जल्दी स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए, जिससे सरकारी कर्मचारी का अपने नियमित कार्य से सम्पर्क समाप्त हो जाय या उसकी अवकाश पर अनुपस्थिति के कारण संवर्ग से कुछ कठिनाई पड़े। एक बार में 12 मास की अवधि साधारणतया उचित मानी जाएगी और यह अवकाश विशेष कारणों को छोड़कर इससे अधिक नहीं होना चाहिए।
(5) जिस सरकारी कर्मचारी का अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE)किसी अन्य अवकाश के साथ मिलाया जाता है, उसे अपना अध्ययन अवकाश ऐसे समय में लेना चाहिए, ताकि उसके अध्ययन अवकाश के समाप्त होने पर उसके पास पहले से स्वीकृत दूसरे अवकाश की इतनी अवधि शेष रहे, जो उसके कर्त्तव्य पर वापस आने में लगे समय के लिए पर्याप्त हो।
(6) जब सरकारी कर्मचारी को अध्ययन अवकाश (STUDY LEAVE) एक निश्चित अवधि के लिए स्वीकार किया गया हो, लेकिन बाद में यह प्रतीत होता है कि उसके अध्ययन के पाठ्यक्रम के लिए स्वीकृत किये गये अवकाश की अवधि बहुत पहले ही समाप्त हो जाएगी, तो उसके कार्य से अनुपस्थिति को उस अवधि के बराबर अध्ययन अवकाश कम कर दिया जाएगा, जब तक कि शासन उसे उस अवधि के लिए साधारण अवकाश लेने की अनुमति नहीं देता।
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