चिकित्सा प्रमाण-पत्र से सम्बन्धित नियम का वर्णन सहायक नियम 87 से 89 तक में किया गया हो, जो संक्षेप में निम्न प्रकार है:–
(1) राजपत्रित सरकारी कर्मचारी को चिकित्सा प्रमाण–पत्र –
सहायक नियम 89 के अनुसार किसी राजपत्रित सरकारी कर्मचारी को निम्नलिखित प्रपत्र में प्रमाण-पत्र पेश करने पर ही उसे अवकाश प्रदान किया जाएगा या उसके अवकाश में वृद्धि की जाएगी :–
——————————————————————————————————————————————————-
श्री………………………….—– के मामले का विवरण नाम………………………… ( प्रार्थी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी अथवा प्राधिकृत(Authorised) चिकित्सा अधिकारी के सामने भरना चाहिए)
नियुक्ति………………………………………………………………..
आयु…………………………………………………………………….
कुल सेवा……………………………………………………………….
चिकित्सीय प्रमाण पत्र पर अवकाश पर अनुपस्थिति की पिछली अवधि………………………….
आदतें………………………………………………………………….
रोग…………………………………………………………………….
रोग का पूर्ण विवरण………………………………………………….
में………………………………………………….मुख्य चिकित्सा अधिकारी/प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारी……………………………………..का चिकित्सा अधिकारी…………………..सावधानी से जांच करने के बाद एतद्द्वारा यह प्रमाणित करता हूँ कि श्री/श्रीमती/कु० ……………..…………………. स्वास्थ्य बुरी दशा में है तथा मैं निष्ठापूर्वक और सत्यता से यह घोषित करता हूँ कि मेरे सर्वोत्तम निर्णय के अनुसार उन्हें स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने के लिए एक अवधि तक ड्यूटी से अनुपस्थिति रहना नितान्त आवश्यक है तथा यह संस्तुति करता हूँ कि उनको दिनांक ………. से दिनाँक……… का अवकाश प्रदान किया जाय।
मेरी राय में अधिकारी को चिकित्सा-परिषद् के समक्ष उपस्थि होने की आवश्यकता है/नहीं है।
दिनांक ……..
मुख्य चिकित्साधिकारी
प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारी
(2) चिकित्सा परिषद् के समक्ष उपस्थिति–यदि राजपत्रित कर्मचारी को प्रदत्त प्रमाण-पत्र में उसे चिकित्सा परिषद् के समक्ष उपस्थित होने की संस्तुति की जाय या प्रमाण-पत्र पर संस्तुत अवकाश की अवधि तीन मास से अधिक हो या तीन मास से कम होने पर तीन मास से अधिक की वृद्धि की जाय, तो सरकारी कर्मचारी को ऐसे प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद अपने कार्यालय अध्यक्ष को और यदि वह स्वयं कार्यालय अध्यक्ष है, तो अपने विभागाध्यक्ष की अनुमति मांगकर चिकित्सा परिषद् के समक्ष अपने रोग के विवरण पत्र की दो प्रतियाँ लेकर उपस्थित होना चाहिए [सहायक नियम 90 (क)]।
(3) चिकित्सा परिषद् का प्रमाण-पत्र–तीन मास से अधिक के अवकाश या अवकाश में तीन मास से अधिक की वृद्धि के लिए सरकारी कर्मचारी को चिकित्सा परिषद् से निम्न आशय का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना चाहिए :
“हम एतद्द्वारा यह प्रमाणित करते हैं कि हमारे सर्वोत्तम व्यावसायिक निर्णय के अनुसार मामले की सावधानी से व्यक्तिगत परीक्षा के पश्चात् हमारा विचार है कि श्री/श्रीमती/कु० …………………… का स्वास्थ्य ऐसा है कि उनको स्वास्थ्य लाभ करने के लिए…………………………… की अनुपस्थिति के अवकाश की नितान्त आवश्यकता है।”
चिकित्सा परिषद् उक्त प्रमाण-पत्र प्रदान करते समय यह उल्लेख करेगा कि सरकारी कर्मचारी के कर्त्तव्य पर वापस आने के लिए स्वस्थता के प्रमाण-पत्र को प्राप्त करने के लिए पुन: चिकित्सा परिषद् के समक्ष उपस्थित होना चाहिए या उसकी आवश्यकता नहीं है (सहायक नियम 91)।
(4) संदिग्ध मामलों में व्यावसायिक निरीक्षण–संदिग्ध मामलों में यह निश्चित करने के पूर्व, कि चिकित्सा प्रमाण-पत्र दिया जाय या नहीं, चिकित्सा परिषद् आवेदक को 14 दिन तक व्यावसायिक निरीक्षण के लिए रोक सकती है। ऐसी स्थिति में चिकित्सा परिषद् को सरकारी कर्मचारी को निम्न आशय का प्रमाण पत्र देना चाहिए :–
“चूंकि श्री क ने अवकाश को स्वीकृत करने की संस्तुति करने के लिए चिकित्सीय प्रमाण-प्रपत्र के लिए आवेदन किया है, अतएवं हम ऐसे प्रमाण-पत्र को देने या उसके लिए इन्कार करने के पूर्व यह आवश्यक समझते हैं कि श्री क को………………..… दिन तक व्यावसायिक निरीक्षण के लिए रोका जाय”” (सहायक नियम 92)।
(5) चिकित्सा परिषद् के समक्ष उपस्थित होने में असुविधा पर कार्यवाही–यदि अवकाश के आवेदक के स्वास्थ्य कौ दशा के सम्बन्ध में किसी सरकारी कमीशण्ड चिकित्सा अधिकारी या किसी असैनिक स्थान के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निम्नलिखित प्रपत्र में यह प्रमाणित कर दिया गया हो कि–
[मैं एतद्द्वारा यह प्रमाणित करता हूँ कि श्री/श्रीमती/कुमारी……………………… के स्वास्थ्य की दशा ऐसी है कि उनको चिकित्सा परिषद् के समक्ष उपस्थित होने के लिए………………………… जाने में अत्यधिक असुविधा होगी ।
उसको किसी भी ऐसे स्थान में उपस्थित होने में असुविधा होगी, जिसमें परिषद् की बैठक हो सकती , तो सक्षम प्राधिकारी निम्नलिखित में से कोई प्रमाण-पत्र स्वीकार कर सकते हैं :–
(क) किन्हीं भी दो कमीशण्ड चिकित्सा अधिकारियों या असैनिक स्थानों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र, चाहे वे किसी भी राज्य में सेवारत हों, या
(ख) यदि प्राधिकारी दो चिकित्सीय परामर्शों का प्रस्तुत किया जाना आवश्यक समझें, तो किसी असैनिक स्थान के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित तथा उस जिले के जिला अधिकारी अथवा मण्डल के आयुक्त द्वारा या न्याय विभाग के सरकारी कर्मचारी के मामले में जिला तथा सत्र न्यायाधीश द्वारा प्रति हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र।
उक्त प्रमाण-पत्र निम्नलिखित प्ररुप में होगा :–
“ मैं/हम एतद्द्वारा प्रमाणित करता हूँ/करते हैं कि मेरे/हमारे सर्वोत्तम व्यावसायिक निर्णय के अनुसार मामले की सावधानी से व्यक्तिगत परीक्षा करने के पश्चात्, मेरा/हमारा विचार है कि श्री ………………………………………………. का स्वास्थ्य ऐसा है कि स्वस्थ होने के लिए …………………………… की
अवधि के अवकाश की नितान्त आवश्यकता है ।
यदि इस प्रमाणपत्र पर केवल एक ही चिकित्सा अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किया गया है, तो यदि सरकारी कर्मचारी न्याय विभाग का हो, तो उसे जिला न्यायाधीश और अन्य विभाग के कर्मचारियों के मामलों में उसे जिला अधिकारी या मण्डलायुक्त द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया जाना चाहिए और इस प्रमाण-पत्र पर यह भी उल्लेख होना चाहिए कि सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य पर वापस आने के पूर्व स्वस्थता का प्रमाण-पत्र लेने के लिए दूसरे चिकित्सा परिषद् के समक्ष उपस्थित होना चाहिये या इसकी आवश्यकता है या नहीं (सहायक नियम 93 तथा 94)।
(vi) अराजपत्रित सरकारी कर्मचारी को चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर अवकाश–अराजपत्रित सरकारी कर्मचारी को आवेदन के साथ संलग्न चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर अवकाश प्रदान किया जायेगा या उसके अवकाश में वृद्धि की जायेगी, लेकिन चिकित्सा प्रमाण-पत्र किसी पंजीकृत चिकित्सक या सरकारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा निम्नलिखित प्ररूप में होना चाहिए :-
——————————————————————————————————————————————————
आवेदक के हस्ताक्षर……………………….
मैं श्री……. …………..के मामले की सावधानी से व्यक्तिगत परीक्षा करने पर प्रमाणित करता हूँ की श्री…………………………….. जिनके हस्ताक्षर ऊपर दिये हुए हैं.. …………. से पीड़ित हैं। रोग के इस समय वर्तमान लक्षण हैं…………………… / मेरी राय में रोग का कारण…………………. …………हैं।
आज की तिथि तक गिनकर रोग की अवधि………….दिनों की है। जैसा कि श्री…………….. से पूछने पर ज्ञात हुआ, रोग का पूर्ण विवरण निम्नलिखित है…………………………………………………………../ मैं समझता हूँ कि पूर्णरुप से स्वास्थ्य लाभ हेतु दिनांक………………… से दिनांक……………. तक की अवधि के लिए इनकी डयूटी से अनुपस्थिति नितान्त आवश्यक है।
चिकित्साधिकारी
——————————————————————————————————————————————————
(vii) निम्न श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के मामले में चिकित्सा प्रमाण-पत्र-निम्न श्रेणी के अराजपत्रित सरकारी कर्मचारियों के चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर अवकाश या अवकाश के प्रसार के लिए दिये गये आवेदन पत्र के समर्थन में अवकाश स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी ऐसे प्रमाण-पत्र को स्वीकार कर सकते हैं, जिसे वे पर्याप्त समझें (सहायक नियम 98)।
ALSO READ: