अंशकालिक न्यायिक अधिकारियों को अवकाश देने के सम्बन्ध में सहायक नियम 162 तथा 163 में नियम बनाये गये हैं, जो निम्न प्रकार हैं :-
(1) नियम 162 के अनुसार अंशकालिक न्यायिक अधिकारी, सरकारी वकील, सरकारी उप- अधिवक्ता, कनिष्ठ स्थायी अधिवक्ता, न्यायिक रिपोर्टर, सहायक न्यायिक रिपोर्टर या सरकारी अभियोक्ता को, जिनका वेतन निश्चित दर पर नियत हो तथा जो आंशिक अवधि के लिए सेवा में रखे गये हों,
निम्नलिखित अवकाश प्रदान किया जा सकता है
(क) जिस उच्च न्यायालय की अधिकारिता में कार्य कर रहे हों, उसके दीर्घावकाश के समय में औसत वेतन पर अवकाश, लेकिन प्रतिबन्ध यह है कि ऐसे अवकाश के कारण सरकार को अतिरिक्त व्यय न करना पड़े। ऐसे अवकाश को अवकाश नहीं माना जाएगा।
(ख) छह वर्ष की सेवा करने के बाद केवल एक बार अधिकतम 6 मास तक का अर्द्ध औसत वेतन पर अवकाश।
(ग) चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर एक समय में अधिकतम 20 मास तक का अर्द्ध औसत वेतन पर अवकाश, लेकिन प्रतिबन्ध यह है कि चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर लिये गये अवकाश की किन्हीं दो अवधियों के बीच 3 वर्ष की सेवा अवश्य होनी चाहिए।
(छ) असाधारण अवकाश।
(2) नियम 163 के अनुसार उक्त अवकाश को किसी अन्य अवकाश के साथ संयोजित नहीं किया जा सकता।