नई दिल्ली.सोमवार को CBDT ने एक नया सर्कुलर जारी कर कहा है कि अगर कोई कर्मचारी नई टैक्स प्रणाली के विकल्प को चुनना चाहता है तो इस बारे में उन्हें अपने नियोक्ता को पहले से ही जानकारी देनी होगी. आयकर विभाग ने सोमवार एक सर्कुलर जारी कर जानकरी दी है कि अगर कोई कर्मचारी नई टैक्स व्यवस्था को अपनाना चाहता है तो इस बारे में अपने नियोक्ता को पहले से ही जानकारी देनी होगी. इससे उन्हें वेतन के भुगतान के दौरान इसी आधार पर आयकर की कटौती की जा सके. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए वैकल्पिक टैक्स व्यवस्था का ऐलान किया था.
क्या है नए आयकर प्रणाली में प्रावधान?
सरकार द्वारा बजट में ऐलान के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति टैक्स का लाभ नहीं लेना चाहता है तो उन्हें कम दर पर टैक्स देना होगा. पुराने टैक्स व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को डारयरेक्ट टैक्स के तौर पर हाउस रेंट अलाउंस, होम लोन के ब्याज, धारा 80C, 80D और 80CCD के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है. नई व्यवस्था के तहत सालाना 2.5 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले व्यक्ति को कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 5 फीसदी, 5 लाख से 7.5 फीसदी की कमाई पर 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख की कमाई पर 15 फीसदी, 10 लाख से 12.5 लाख की कमाई पर 20 फीसदी, 12.5 लाख से 15 लाख की कमाई पर 25 फीसदी और 15 लाख से अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होता है.