लखनऊ : एक राजकीय सेवा से दूसरी में नियुक्त होने वाले कार्मिकों के वेतन निर्धारण की शर्तों और प्रतिबंधों को स्पष्ट करते हुए वित्त विभाग ने सोमवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। वेतन समिति उग्र 2016 की सिफारिशों के क्रम में लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना में एक राजकीय सेवा से दूसरी राजकीय सेवा में नियुक्त होने वाले अनुसार एक राजकीय सेवा से दूसरे राजकीय सेवा में नियुक्त होने वाले ऐसे कार्मिक जो 31 मई 2016 को जारी शासनादेश की शर्तों के मुताबिक तथा स्पष्टीकरण के मुताबिक ऐसे कार्मिक जो पूर्व की सेवा के वेतन के आधार पर नई सेवा के पद पर वेतन निर्धारण की पात्रता रखते हैं, उनके लिए वेतन निर्धारण की प्रक्रिया तय की गई है।
शासनादेश में कहा गया है कि यदि किसी सरकारी सेवक की नियुक्ति ऐसे नए पद पर होती है जो पूर्व पद की अपेक्षा उच्च पे लेवल वाला है तो उसके पूर्व पद के पे लेवल में प्राप्त हो रहे मौलिक वेतन के समतुल्य राशि उच्च पे लेवल में तलाशी जाएगी यदि उच्च पे लेवल में किसी कोष्टिका में उक्त राशि के समतुल्य राशि उपलब्ध है तो वहीं राशि उसका मूल वेतन होगी और यदि वह राशि उच्च पर लेवल की किसी कोष्टिका में उपलब्ध नहीं है तो उस लेवल में अगली कोष्टिका की राशि उसका मूल वेतन होगा
यदि किसी सरकारी सेवक की नियुक्ति समान पर लेवल वाले पद पर होती है तो नए पद पर उसका मूल वेतन वही रहेगा जो उसे पूर्व पद पर मौलिक रूप से प्राप्त हो रहा था।
यदि किसी सरकारी सेवक की नियुक्ति ऐसे नए पद पर होती है जो पूर्व पद की अपेक्षा निम्न पर लेवल वाला है तो उसके पूर्व पद के पे लेवल में प्राप्त हो रहे मौलिक वेतन के समतुल्य राशि निम्न पद के पे लेवल में तलाशी जाएगी यदि निम्न पद के पहले बल्कि किसी कोष्टिका में उक्त राशि के समतुल्य राशि उपलब्ध है तो वहीं राशि उसका मूल्य वेतन होगा और यदि वह राशि नए पद के पहले बल्कि किसी कोष्टिका में उपलब्ध नहीं है तो नए पद के पे लेवल में उसका वेतन ठीक नीचे के कोष्टिका वाली राशि में निर्धारित होगी और अंतर की धनराशि व्यक्ति वेतन के रूप में अनुमन्य होगी जो आगामी वेतन वृद्धि में समायोजित की जाएगी किंतु नए पद के पे लेवल का अधिकतम यदि उसको पूर्व पद पर प्राप्त हो रहे मौलिक वेतन से कम है तो उसका वेतन नए पद के पे लेवल के अधिकतम पर ही निर्धारित किया जाएगा।