मूल नियम 70 के अनुसार अवकाश समाप्त होने के पूर्व सरकारी कर्मचारी को कर्त्तव्य पर न बुलाने के सभी आदेशों में यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि कार्य पर वापस आना स्वेच्छा पर निर्भर है या अनिवार्य है। यदि कार्य पर वापस आना स्वेच्छा पर निर्भर है, तो सरकारी कर्मचारी कोई सुविधा प्राप्त करने का हकदार नहीं है, जबकि यदि कार्य पर वापस आना अनिवार्य हो तो सरकारी कर्मचारी निम्नलिखित का हकदार है :-
(1) यदि अवकाश भारत के बाहर लिया गया हो, तो
- (क) समुद्र यात्रा का किराया दिये बिना भारत वापस आने का और यदि वापस बुलाने पर भारत को प्रस्थान करने की तिथि तक उसके अवकाश की आधी अवधि या तीन महीने की अवधि, इनमें से जो भी कम हो, समाप्त न हो तो भारत से बाहर जाने में जो समुद्र यात्रा का किराया उसने दिया हो, उसको वापस पाने का,
- (ख) भारत आने के लिए समुद्र यात्रा पर व्यतीत किए गए समय को अवकाश की गणना करने के लिए कार्य के लिए गिने जाने का,
- भारत वापस आने के लिए की गई समुद्र यात्रा की अवधि में तथा भारत में जहाज से उतरने की तिथि से अपने पद का कार्यभार ग्रहण करने की तिथि तक उसी दर से अवकाश वेतन पाने का, जिस दर से वह पाता,यदि उसे अवकाश से वापस ना बुलाया जाता , लेकिन सामान्य था तब वापस आता, जब उसका अवकाश समाप्त होता है और बाद वाली अवधि में इस संबंध में राज्यपाल द्वारा निर्मित नियमों के अंतर्गत
(2) यदि उसे भारत में लिए गए अवकाश से बुलाया जाए, तो उस तिथि से कार्य पर माने जाने एका जिस तिथि से वह उस स्थान के लिए प्रस्थान करें, जहां पर उसको पहुंचने का आदेश दिया गया है और इस संबंध में राज्यपाल द्वारा निर्मित नियमावली के अंतर्गत अपनी यात्रा के लिए भत्ता पाने का, लेकिन जब तक वह कार्यभार ग्रहण ना कर ले तब तक वह केवल अवकाश वेतन का हकदार होगा