शासन ने बैंकिंग सखी के चयन के लिए दिया निर्देश
राज्य के 58 हजार ग्राम पंचायतों में बैकिंग करेस्पांडेंट सखी तैनात करने की घोषणा के बाद इनके चयन का फैसला शासन ने ले लिया है। इनका चयन उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन करेगा। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सिंह ने बैकिंग सखी के चयन और प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू करने के लिए मिशन के निदेशक सुजीत कुमार को निर्देशित किया है।
मिशन निदेशक को भेजे गए पत्र में प्रमुख सचिव ने लिखा है कि बैकिंग सखी के चयन के लिए पहली वरीयता स्वयं सहायता समूह को सबसे पहले ज्वाइन करने वाली महिला जो समूह के केंद्र बिंदू के रूप में है, उसे दी जाएगी। ऐसा भी संभव है कि कोई स्वयं सहायता समूह सक्रिय नहीं हो ऐसे में उस समूह की गतिशील सदस्य को बैकिंग सखी बनाया जा सकता है। यह भी हो सकता है कि किसी ग्राम पंचायत में गरीब व कमजोर वर्ग की हिमायत करने वाली कोई महिला उद्यमशीलता रखती हो और बैंकिंग सखी के रूप में कार्य करना चाहती है तो उसे भी चयनित किया जा सकता है।
चयन उ प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन करेगा
उन्होंने बताया कि 58 हजार बैंकिंग सखी नियुक्त करने के लिए बजट की कोई दिक्कत नहीं है। दूसरे मदों में बजट पड़ा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से अनुमति लेकर इस काम को जल्द से जल्द किया जाएगा। एक सखी तैयार करने में खर्च होंगे 74 हजार रुपये आजीविका मिशन के तहत राज्य में पहले से 232 महिलाएं इस काम में लगी हैं। मिशन निदेशक के मुताबिक एक महिला को छह महीने तक चार-चार हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने पर कुल 24 हजार खर्च होने हैं। इसके अलावा बैंकिंग कामकाज की डिवाइस इन्हें दी जाएगी जिसकी कीमत करीब 50 हजार रुपये होगी।
एनजीओ की महिलाओं को भी मौका
बैकिंग सखी के लिए एनजीओ अथवा कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिल्टी (सीएसआर ) के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी इसके लिए आवेदन कर सकेंगी | चयन प्रक्रिया का आधार यह होगा कि महिला में नेतृत्व क्षमता हो और नई तकनीकी को समझने में रूचि रखती हो।
बैंकिंग सखी का काम
इस योजना में काम करने वाली सभी बैंकिंग सखी लोगों के घरों तक सरकार द्वारा प्राप्त होने वाली आर्थिक सहायता के रूप में राशि को पहुंचाने का काम करेंगे। इससे लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना पड़ेगा और वे तनाव मुक्त होकर घर बैठे ही आर्थिक राशि प्राप्त कर पाएंगे।
सरकार 430 करोड़ रुपये खर्च करेगी। स्वयं सहायता समूहों से ली जाएंगी महिलाएंराज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार के मुताबिक बैंकिंग सखी का चयन गांवों में सक्रिय स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के बीच से किया जाएगा। उन महिलाओं का चयन किया जाएगा जो बैंकिंग कामकाज को समझने के साथ ही लिख पढ़ सकें। इलेक्ट्रानिक डिवाइस चलाने की समझ हो।
इस प्रकार एक बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी को तैयार करने में कुल 74 हजार रुपये का खर्च आएगा। छह महीने का प्रोत्साहन राशि इसलिए दिया जाएगा कि ताकि महिलाएं आर्थिक दिक्कतों के कारण इस काम से हटें नहीं। बैंक से ही अच्छा-खासा कमीशन मिलने लगेगा, जो कि इनके लिए जीविका का दीर्घकालीक साधन हो जाएगा।
बैंक सखी महिलाओं को मिलने वाला वेतन और लाभ
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर होने की प्रेरणा मिलेगी और साथ ही उनके काम के बदले उन्हें एक आमदनी भी प्राप्त होती रहेगी। जिस का संपूर्ण विवरण निम्नलिखित चरणों में दिया गया है:-
- इस योजना में काम करने वाली प्रत्येक महिला सखी को अगले 6 महीने तक 4000 रुपये प्रति महीने के रूप में आमदनी दी जाएगी।
- उन महिलाओं को डिजिटल डिवाइस खरीदने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। प्रत्येक महिला को डिजिटल डिवाइस खरीदने के लिए 50000 रुपये की राशि सरकार से प्राप्त होगी।
- साथ ही उनकी मासिक आय उनके पास डिजिटल मोड के माध्यम से पहुंच सके इसकी गारंटी भी सरकार उन्हें जरूर देगी।
- सरकार के प्रत्येक काम में हाथ बंटाने और सहायता के लिए सरकार प्रत्येक बैंक सखी को लेनदेन पर कमीशन भी देगी।