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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत व महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मांग की है कि पूर्व में हुए समझौतों के अनुसार सभी राज्यकर्मियों की मांगों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए निर्णय कर शासनादेश जारी करें जिससे कि सरकार और कर्मचारियों में आपसी सौहार्द बना रहे।

परिषद के नेताओं ने बताया कि मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, अपर मुख्य सचिव वित्त के साथ कई बैठकें हो चुकी है, जिसमें मांगों पर तत्काल निर्णय लिए जाने का लिखित आश्वासन दिया गया था। वर्तमान समय में जबकि सभी राज्यकर्मियों कोरोना से लड़ रहे हैं। इसलिए इन संवर्गो की सभी मांगों पर कारवाई किया जाना न्यायोचित है। प्राथमिक तौर पर उन सभी मांगों पर तत्काल निर्णय कर शासनादेश जारी कर देने चाहिए जिनमें सरकार को हानि नही पहुंचती है।

इसके अलावा कर्मचारी 1 जुलाई को कर्तव्य दिवस मनाएंगे । इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (IPSEF) के आह्वान पर देशभर के कर्मचारी 1 जुलाई को कर्तव्य दिवस मनाएंगे । प्रदेश में 1 जुलाई को समस्त कर्मचारी द्वारा कर्तव्य दिवस में अपने कर्तव्यों को जनता के प्रति अपने दायित्वों का निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन करने का संकल्प लिया जाएगा । इसके अलावा कर्मचारी 21 जून 2020 को पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर इप्सेफ के नेतृत्व में प्रदर्शन करेंगे जिसका कार्यक्रम भी जारी कर दिया है।

कोरोना वारियर्स की मांगों पर ध्यान दे सरकार -परिषद

राज्यकर्मियों

शासन से हुए पूर्व के समझौतों का शासनादेश जारी करने की राज्यकर्मियों की मांग

उन्होंने बताया कि प्रदेश के चिकित्सालय में नर्सेज, फार्मासिस्ट ,लैब टेक्नीशियन ,ऑप्टोमेट्रिस्ट सहित विभिन्न कर्मी प्रथम पंक्ति में आकर जनता की सेवा कर रहे हैं । इन संवर्गों के राज्यकर्मियों की मांगों पर शासन में सहमति भी बन चुकी है इसके बावजूद अभी तक शासनादेश जारी नहीं हुआ है । परिषद के महामंत्री ने कहा कि नर्स संवर्ग ने केंद्र के समान पद नाम दिए जाने की मांग की है। पद नाम परिवर्तन से सरकार पर कोई वित्तीय क्षति नहीं पहुंचेगी ।

केंद्र में नर्सेज संवर्ग का पद नाम परिवर्तित कर दिया गया है लेकिन समझौते के बावजूद प्रदेश में नाम परिवर्तन नहीं हो सका । वहीं फार्मेसिस्ट , लैब टेक्नीशियन और ऑप्टोमेट्रिस्ट संवर्ग की वेतन विसंगति का प्रकरण वेतन समिति द्वारा संस्तुति कर रिपोर्ट सरकार को केंद्र सरकार के अनुसार करने के लिए दी गई है । लगभग सभी फार्मेसिस्ट पूर्व से ही ऐसे वेतनमान में पहुंच चुके हैं। इनके प्राथमिक वेतनमान परिवर्तन होने से सरकार पर वित्तीय भार नहीं आएगा । यही स्थिति लैब टेक्नीशियन एवं ऑप्टोमेट्रिस्ट की भी है ।

वेतन समिति के राजी होने के बावजूद डिप्लोमा होल्डर्स का वेतन एक समान नहीं किया गया । जनपदों में तैनात चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के इलेक्ट्रीशियन , जनरेटर ऑपरेटर के एकल पदों को बढ़ाकर भर्ती भर्तियां की जाएं विभिन्न संभागों में पदोन्नति के पद रिक्त हैं। फार्मासिस्ट संवर्ग में विशेष कार्य अधिकारी और संयुक्त निदेशक फार्मेसी के पद कई वर्षों से प्रोन्नत कर नहीं भरे गए अन्य वर्गों में भी प्रोन्नतियाँ नहीं हो पा रही हैं जिससे कर्मचारी अपने मूल पद से सेवानिवृत्त होने को मजबूर हैं।

विभिन्न वर्गों के राज्यकर्मियों के पदों के मानक निर्धारित ना होने से नए चिकित्सालय बनने पर आवश्यक पद सृजित नहीं हो पाते जिससे चिकित्सालय के संचालन में तमाम समस्याएं आती हैं। संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि बेसिक हेल्थ वर्कर एसोसिएशन की मांग भी कई बार वार्ता और समझौतों के बावजूद लंबित हैं।