लखनऊ। राज्य कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारियों, शिक्षकों और पुलिस को मिलने वाले भत्तों को समाप्त करने के फैसले पर आक्रोश व्यक्त किया है। साथ ही इस निर्णय के वापस न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे वित्त विभाग के अधिकारियों की साजिश समझें। जिन्होंने अपनी पीठ थपथपाने के लिए सरकार से अकारण और अनावश्यक निर्णय कराया है, जिससे प्रदेश में कर्माचारी आंदोलित हों वातावरण अशांत हो।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व सेवानिवृत्त कर्मचारी व पेंशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहा कि वित्त विभाग ने सरकार से अकारण और असमय कर्मचारी विरोधी यह फैसला कराया है।
परिषद के महामंत्री शिवबरन यादव ने कहा कि भत्तों के स्थगन से सरकार पर खर्च का बोझ कम हो गया था तो ऐसा फैसला कराकर कर्मचारियों का मनोबल गिराने का जरूरत नहीं थी। खासतौर से तब जब कर्मचारी इस सम जान हथेली पर रखकर सेवाएं दे रहा है। उस समय पुरस्कार की गह ऐसे फैसले होना कर्मचारियों को आक्रोशित करना है। अच्छा होगा कि सरकार कर्मचारियों को सड़क पर आने को मजबूर न करे। वहीं सुरेश रावत की अध्यक्षता वाली राज्य कर्मचारी संयुक परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने कहा कि सभी कर्मचारी फैसले से निराश है ।सरकार जल्द अपना फैसला वापस ले अन्यथा 19 मई को समस्त प्रदेश कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।