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पति के सेवारत पत्नी से अलग किये गए तबादले पर उ०प्र० हाइकोर्ट की रोक ।

उत्तर प्रदेश लो०नि०वि० कर्मचारी पति का तबादला सेवारत पत्नी से अलग उन्नाव से कानपुर नगर कर दिया गया । पढ़िए हाइकोर्ट का आदेश ।

याचिकाकर्ता लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने दिनाँक 19 दिसंबर 2022 और 20 दिसंबर 2022 को विभाग द्वारा किये गए उन्नाव से कानपुर नगर अपने तबादले को चुनौती देते हुए तबादला आदेश को निरस्त करने की मांग इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की ।

याचिकाकर्ता प्रफुल्ल का तबादला उनके स्वयं के अनुरोध पर उनकी राजकीय सेवारत पत्नी का तबादला कानपुर नगर से उन्नाव होने पर जुलाई 2022 में कानपुर नगर से उन्नाव किया गया था। याचिकाकर्ता और उनकी पत्नी ने नई तैनाती स्थान जनपद उन्नाव में कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था ।

एकाएक 19 और 20 दिसंबर 2022 को लोक निर्माण विभाग ने तबादले आदेश जारी कर याचिकाकर्ता प्रफुल्ल श्रीवास्तव का तबादला वापस उनके पूर्व तैनाती जनपद कानपुर नगर कर दिया कि जुलाई 2022 में किये गए तबादले शासन की 10 प्रतिशत की नीति से अधिक थे।


न्यायालय में याचिकाकर्ता के वकील ने छह महीने में ही पुनः तबादले को अनुचित बताया । याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी कोर्ट को बताया कि यह तबादला आदेश शासन की उस नीति के भी विरुद्ध है जिसके तहत राजकीय सेवारत पति और पत्नी को एक ही स्थान पर तैनाती का प्रावधान है ।


इस मामले में सरकार के अधिवक्ता द्वारा जवाब दाखिल करने को न्यायालय से समय की मांग की जिसपर उच्च न्यायालय द्वारा 4 हफ़्तों का समय दे दिया गया ।

इस मामले की अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी । तब तक के लिए याचिकाकर्ता के विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश के क्रियान्वयन पर न्यायालय ने रोक लगा दी ।

याचिकाकर्ता प्रफुल्ल श्रीवास्तव की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक चौधरी का अंतरिम आदेश ।

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