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हिमाचल की तर्ज पर आउटसोर्सिंग कर्मियों को नियमित करें : अतुल मिश्र


लखनऊ। सुरेश कुमार रावत की अगुवाई वाले राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों को हिमाचल सरकार की तर्ज पर नियमित करने की अपील की है। हिमाचल सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लेने वाले दैनिक वेतन भोगी अनुबंध आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से अपील की है कि आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए परिषद के अनुरोध को स्वीकार करें और हिमाचल राज्य सरकार की भांति इन कर्मचारियों को नियमित करें। सेवाएं नियमित न होने से इन संविदा कर्मचारियों का भविष्य अधर में ही नहीं है बल्कि इनका उत्पीड़न व शोषण होता है। आए दिन इन्हें नौकरी से हटाने की धमकी दी जाती है।

उन्होंने बताया कि इस समय भी प्रदेश के कई स्थानों से उनके पास शिकायतें आ रही हैं कि वर्षों से सेवा करने के बावजूद स्थानीय अधिकारी उन्हें हटाकर उनकी जगह अपने लोगों को रखवाने का षडयंत्र रच रहे हैं।

पहले कर्मचारियों का समायोजन करें फिर दक्षता परीक्षण करें – हरि किशोर तिवारी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार से मांग की है कि पहले बंद पड़े निगमों के कर्मचारियों का समायोजन किया जाए उसके बाद दक्षता परीक्षण शुरू हो । उन्होंने कहा कि कर्मचारी दक्षता परीक्षण से परेशान नहीं है क्योंकि यह तो शुरु से ही नियमों में है । लेकिन समस्या के सभी पक्षों पर ध्यान ना देने से उत्पन्न कमी के मद्देनजर सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए ।

गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने खर्चों में कटौती के लिए कर्मचारियों की दक्षता परीक्षण के लिए समिति गठित की है । परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने मंगलवार को यह आशंका जताई कि दक्षता परीक्षण के जरिए कर्मचारियों की छटनी की तैयारी है जो कि कतई उचित नहीं है।

30% पद को रिक्त ही पड़े – राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने की सरकार से मांग

प्रदेश में कर्मचारियों के पहले से ही 30% पद रिक्त पड़े हैं । यही नहीं यह पद काफी पहले के सृजित हैं। तब से आज के मुकाबले काफी काम बढ़ गया है । बावजूद इसके दक्षता समिति बनाकर सरकार कर्मचारियों के सर पर तहलका लटका रही है जो कि उचित नहीं है।