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कोरोना संक्रमण कर्मचारी “वर्क फ्रॉम होम"

कोरोना संक्रमण “वर्क फ्रॉम होम" लखनऊ : लंबे लॉकडाउन के बाद आखिरकार खत्म हुए अनलॉक 1 और 2 में प्रदेश में लापरवाह हुए आमजनों को अब सचेत और सावधान होने की जरूरत है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए सरकारी कार्यालयों के लिए नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव आर के तिवारी ने आदेश जारी कर दिए हैं और इनकी शुरुआत शासन स्तर पर सरकारी कार्यालयों से हो रही है।

इन आदेशों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के पचास फीसदी कर्मचारी ही रोस्टर के आधार पर दफ्तर आएंगे, बाकी 50 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे। हालांकि, अधिकारी सभी आएंगे। समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में उपस्थित रहेंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से गुरुवार 9 जुलाई 2020 को इस बाबत सभी विभागों को शासनादेश जारी किया गया। इसमें प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव और विभागाध्यक्षों से कार्यालयों में शारीरिक दूरी का आकलन करने के लिए कहा गया है।

कार्यालयों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के 50 फीसदी कर्मचारियों तक को रोस्टर के आधार पर घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की अनुमति विभागीय मंत्री से मंजूरी लेने के लिए कहा गया है। आदेश में कहा गया कि रोस्टर के मुताबिक जो कर्मचारी घर से काम करेंगे वह वर्क फ्रॉम होम वाली इस अवधि में अपने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से कार्यालय के संपर्क में रहेंगें ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें कभी भी दफ्तर बुलाया जा सकेगा।

अधीनस्थ कार्यालयों, स्थानीय निकायों, निगमों आदि के लिए भी यह व्यवस्था लागू होगी। आवश्यक सेवाओं से जुड़े तथा कोविड-9 की रोकथाम में लगे कर्मचारियों पर यह निर्देश लागू नहीं होंगे। घर से काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या कार्मिक विभाग को पर 14 जुलाई तक उपलब्ध करानी होगी।

कार्यालयों में कोरोना हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश

प्रत्येक कार्यालय में कोरोना हेत्प डेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। यह हेल्प डेस्क कोरोना से बचाव की आवश्यक जानकारी देगी। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग शत प्रतिशत करना होगा। अगर किसी कार्यालय में कोई कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उस कार्यलय को 24 घंटे में विसंक्रमित कर जाए ताकि कार्यालय लंबे समय तक बंद न हो और जनसामान्य को कोई असुविधा न हो।प्रत्येक कार्यालय में आने वाले कर्मचारियों की थर्मल स्केनिंग करने और उनको सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था हेतु निर्देश दिए गए।

कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही बेहद सावधानी बरतते हुए प्रदेश सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन कर दिया गया था । जिसे चरणबद्ध तरीके से अनलॉक किया गया। अनलॉक के साथ सावधानी कम हुई तो कोरोना संक्रमण ने प्रदेश में तेजी से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 32362 पर पहुंच गई है । इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश में रोजाना 40 हज़ार कोरोना की जांच का आदेश दिया है।

खतरे की इस आहट को महसूस करते हुए शासन ने इशारा कर दिया है कि संभवतः पहले जैसी कड़ी और सख्त पाबंदियां फिर लगाई जा सकती हैं। इसकी शुरुआत आज रात 10 बजे से 13 जुलाई सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन लगाकर कर दी जाएगी । जिसमे सिर्फ आवश्यक सेवायों को छोड़कर अन्य किसी व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नही दी जाएगी। दुकाने,ढाबे,रेस्टोरेंट इत्यादि के खोलने पर पूरे 55 घंटे की रोक रहेगी।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है जिसमे सचिवालय में 50 फीसदी उपस्थिति की मांग की गई है। पत्र में लिखा गया है कि कोरोना का संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है अतः राजस्व सचिव शाखा की तरह 50 फीसदी कर्मचारियों को काम पर बुलाया जाए।

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