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शिक्षक नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों की भर्ती का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सुनवाई की तय तारीख 14 जुलाई से पहले अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और कहा है कि उसे शिक्षामित्रों के बगैर ही भर्ती करने दी जाए। राज्य सरकार ने बताया कि भर्ती परीक्षा, 2019 में सिर्फ 8,018 शिक्षा मित्र ही 65/60 (सामान्य/आरक्षित) फीसदी उत्तीर्ण अंक लेकर पास हुए हैं।

सहायक शिक्षकों की तरह काम नही कर रहा कोई भी शिक्षामित्र – उत्तर प्रदेश सरकार

69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में प्रदेश सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के शिक्षामित्रों के बारे में दिए गए 2017 के मूल आदेश के बाद कोई भी शिक्षामित्र सहायक शिक्षकों की तरह काम नहीं कर रहा है। राज्य सरकार ने कहा इस आदेश में भी सुधार किया जाना आवश्यक है। मूल फैसला आने से पहले सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित किए गए सभी शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्र पद पर वापस कर दिए गए थे और इसके बाद 2019 में सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया और परीक्षा हुई थी।

इसमें जनवरी 2019 को हुई 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में न्यूनतम योग्यता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 % रखे गए थे। सरकार क न्यूनतम योग्यता अंक 65 और 60 % तय करने के आदेश को ही शिक्षामित्रों न इस लंबित मामले में चुनौती दी है और न्यूनतम योग्यता अंक 45 और 40 % करने की मांग की है। शिक्षामित्रों की इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 मई और 9 जून को अंतरिम आदेश जारी किए थे ।जिसमें परीक्षा में शामिल शिक्षामित्रों के अंकों का ब्योरा राज्य सरकार से मांगा था साथ ही कहा था कि जो शिक्षामित्र सहायक शिक्षकों के तौर पर काम कर रहे हैं उन्हें न छुआ जाए।

शिक्षामित्रों के लिए पद खाली नहीं रख सकते

प्रदेश सरकार ने कहा यदि कोर्ट सरकार को शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2019 को जारी रखने की अनुमति दे तो किसी पक्ष का कोई नुकसान नहीं होगा। फैसला होने पर शिक्षामित्रों को अगली भर्ती में एडजस्ट किया जा सकता है। यदि पद खाली रखे जाते हैं तो इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी पैदा होगी क्योंकि 65/60 फीसदी से कम अंक लेने वाले गैर शिक्षामित्र उम्मीदवार इसी आधार पर नियुक्ति लेने का दावा करेंगे।

ऐसे लोगों की संख्या 2,15,000 (सामान्य और आरक्षित दोनों) से ज्यादा है। वहीं शिक्षामित्रों को उस भर्ती में एडजस्ट करने से जिलों में आवंटन, आरक्षण और रोस्टर की समस्या पैदा होगी जिससे जटिलता बढ़ेगी और भर्ती में बेहद विलंब होगा। साथ ही, शिक्षा का नुकसान होगा क्योंकि स्कूलों में शिक्षण कार्य के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं होंगे। सुनवाई सोमवार को होने की संभावना है।

अधिवक्ता राकेश मिश्रा के जरिए शीर्ष अदालत में दाखिल विस्तृत अर्जी में राज्य सरकार ने कहा

राज्य में शिक्षकों के पद अभी और खाली : 51,112
प्रदेश में इस समय काम कर रहे कुल शिक्षामित्र 152330
शिक्षक परीक्षा, 2019 में कुल बैठे शिक्षामित्र : 45,357
65% से कम लेकिन 45% से ज्यादा अंक लाने वाले शिक्षामित्र : 9,386
60% से कम लेकिन 40 % से ऊपर अंक लेने वाले शिक्षामित्र : 23,243
शिक्षक परीक्षा 2019 में कुल फेल हुए शिक्षामित्र : 32,629
65 फीसदी से ऊपर अंक लाने वाले शिक्षामित्र : 1,561
60 फीसदी से ऊपर अंक लाने वाले शिक्षामित्र : 6,457
शिक्षक परीक्षा 2019 में कुल पास शिक्षामित्र : 8,018

जानिए आखिर क्या है शिक्षामित्र विवाद।

शिक्षामित्रों का कहना है कि जिन भी योग्य शिक्षामित्रों को 45/40 से ज्यादा अंक हासिल हुए हैं, उन्हे अतिरिक्त भारांक देकर उनकी नियुक्ति कर दी जाए, लेकिन सरकार ने 2019 की परीक्षा में कट आफ अंक बढ़कर 65/60 कर दिए जिससे की 32,629 शिक्षामित्र उम्मीदवार अहर्ता से बाहर हो गए। हाईकोर्ट से शिक्षामित्रों को कोई राहत नहीं मिली थी तो वे सुप्रीम कोर्ट चले गए।

दरअसल भारांक देने की बात सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में की थी जब प्रदेश में लाखों शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति को अवैध मानकर निरस्त किया गया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भविष्य में होने वाली भर्तीयों में इन शिक्षामित्रों के अनुभव को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार इन्हें अतिरिक्त भरांक देने पर विचार कर सकती है।

69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में फिर याचिका

इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद एक याचिका दायर की जा रही है। इसी क्रम में अब कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अमिता त्रिपाठी और ऋषभ मिश्रा ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में कई विवादित प्रश्नों के मामले को लेकर लखनऊ की खंडपीठ द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है।

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source :https://epaper.livehindustan.com/imageview_140826_115728058_4_54_15-06-2020_11_i_1_sf.html